बीरेंद्र कुमार झा
देश के विभिन्न राज्यों में इस समय आरक्षण को लेकर अलग-अलग ढंग से आवाजें उठ रही है।इन मांगों में सबसे ज्यादा मांग इस बात को लेकर उठ रही है की कुछ खास जातियों को अनुसूचित जनजाति या अनुसूचित जाति का दर्जा मिल जाए।आरक्षण के मांग के इसी क्रम में झारखंड के कुड़मी समुदाय एक बार फिर से अपनी मांगों के समर्थन में रेल पटरी पर बैठने का मन बना चुके हैं। एसटी के दर्जे की मांग को लेकर इनका यह आंदोलन इस बार अनिश्चितकालीन होगा ।इस संबंध में टोटेमिक कुर्मी / कुड़मी विकास मोर्चा द्वारा एक प्रेस वार्ता की गई ।मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि कुड़मी जन्मजात आदिवासी हैं,लेकिन सरकार द्वारा हमें आदिवासी की मानता नहीं दी है।
कुड़मी संसद विषेश सत्र में उठाए कुड़मी को एसटी में शामिल करने की मांग
अपनी मांग को लेकर कुड़मी संगठन द्वारा 20 सितंबर से झारखंड के मुरी स्टेशन,गोमो स्टेशन, नीमड़ी स्टेशन और घाघरा रेलवे स्टेशन में रेल टेका आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में खेमासूली स्टेशन व खुस्तुर रेलवे स् क्यूटेशन , उड़ीसा के हरिशचंद्रपुर और धनपुर रेलवे स्टेशन में एक साथ रेल टेका आंदोलन शुरू होगा । मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदेदार ने कहा की 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र भी शुरू हो रहा है, इसलिए राज्य के कुड़मी सांसद इस सत्र में कुड़मी को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग उठाएं।
रेलवे ने की है विशेष तैयारी
जहां- जहां कुर्मी ,/कुड़मी समुदायों के द्वारा आंदोलन की संभावना है ,वहां – वहां आर पी एफ द्वारा विशेष सुरक्षा बल की तैयारी की गई है। कैंप बनाकर जवानों को तैनात किया जाएगा।डीआरएम ने कहा कि जिला प्रशासन से भी संपर्क कर आंदोलन के मद्देनजर सहयोग मांगा गया है।आंदोलन को लेकर ट्रेनों का परिचालन कैसे होगा इसको लेकर मुख्यालय को सूचना दे दी गई है।रांची ,लोहरदगा और रांची बीआई टी संकी लाइन होते हुए ट्रेन चलाने का को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है।डीआरएम ने कहा इस रेल लाइन पर कुछ ट्रेन चलाई जा सकती है ,लेकिन यह दूसरे डिवीजन पर भी निर्भर करता है कि वह इसके लिए क्या सलाह देते देते हैं।सभी विकल्पों पर विचार कर राय एक्सएक्सआर रेलवे सभी बिंदुओं परविचार कर रहा है ।
डीआरएम जसमीत सिंह बिंद्रा ने कहा उन्होंने आंदोलनकारी मोर्चा के नेताओं से मिलकर आंदोलन को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उनकी मांगे रेलवे से संबंधित नहीं है।ऐसे में उनके आंदोलन से ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होगा और हजारों लोगों को असुविधा होगी। ट्रेन से मरीज, परीक्षार्थी, नौकरी पेशा और व्यवसायी सहित अन्य यात्री यात्रा करते हैं, जिन्हें काफी परेशानी होगी।