विकास कुमार
कर्नाटक के बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल ने अपनी ही पार्टी की पोल खोल दी है। पाटिल ने कहा कि येदियुरप्पा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान चालीस हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है। पाटिल ने बताया कि 45 रुपए के मास्क की कीमत सरकार ने चार सौ 85 रुपए रखे थे। पाटिल ने कहा कि अगर उन्हें पार्टी से निकाला गया तो वे उन लोगों के नाम सामने लाएंगे जिन्होंने पैसा लूटा है।
वहीं बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल ने बगावती रुख अख्तियार कर लिया है,पाटिल ने अपनी ही पार्टी के चेतावनी दी है,अगर मुझे पार्टी से निकाला गया तो उन लोगों के नाम सामने लाऊंगा जिन्होंने पैसा लूटा और प्रॉपर्टियां बना लीं। बीएस येदियुरप्पा सरकार के दौरान 40 हजार करोड़ रुपए का गबन किया गया है। उन लोगों ने प्रत्येक कोरोना मरीज के लिए 8 से 10 लाख रुपए का बिल बनाया। उस वक्त हमारी सरकार थी लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में किसकी सरकार थी। चोर तो चोर हैं। येदियुरप्पा सरकार ने कोरोना महामारी के वक्त 45 रुपए के मास्क के दाम 485 रुपए रखे थे। बेंगलुरु में 10 हजार बेड की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए किराए पर 10 हजार बेड मंगाए गए थे। मुझे जब कोरोना हुआ था तो मणिपाल अस्पताल ने पांच लाख 80 हजार रुपए मांगे थे.. गरीब आदमी इतने पैसे कहां से लाएगा।
वहीं पाटिल के बगावत पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी प्रतिक्रिया दी है। सिद्धारमैया ने कहा कि पाटिल के आरोपों ने पहले के सबूतों को और पुख्ता कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार 40 फीसदी कमीशन की सरकार थी।
बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल के आरोपों को लेकर बीजेपी आलाकमान को सफाई देनी चाहिए। वहीं अगर चालीस हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है तो सिद्धारमैया को भी जांच बिठाकर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।