अखिलेश अखिल
जैसे -जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है ,बिहार की राजनीतिक हवा गर्म होती जा रही है। वैसे भी बिहार में तेज गर्मी से लोग परेशान है लेकिन गर्म राजनीति ने बिहार की हवा को और भी तीखा कर दिया है। जहाँ देखों वही चुनाव की बात हो रही है और केंद्र में चिराग पासवान की बात हो रही है।
यह बात और है कि बिहार की राजनीति चिराग पासवान की भूमिका कोई बड़ी नहीं है लेकिन एनडीए की राजनीति में चिराग की भूमिका को कमतर नहीं मन जा सकता। लाख अपमान के बाद भी चिराग बीजेपी के साथ जुड़े रहे और पीएम मोदी के कद्रदान रहे। अंत यही हुआ कि बीजेपी ने चिराग की पार्टी को पांच सीटें दिया और चिराग खुश हो गए। लेकिन अब चिराग अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं।
एक सप्ताह पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और एनडीए के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पार्टी से अलग हो गये। और अब इस पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री इंजीनियर रविंद्र सिंह समेत दर्जन भर नेता पार्टी को अलविदा कह गये। इनका आरोप है कि चिराग पासवान ने करोड़ों रुपए लेकर टिकट बेचा है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश संगठन मंत्री इंजीनियर रविंद्र सिंह ने इस बात की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस के दौरान पार्टी के दर्जनों नेताओं ने आज एक साथ सामूहिक इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वालों में पूर्व मंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, पूर्व विधायक तथा राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, संगठन सचिव इंजीनियर रविंद्र सिंह, उपाध्यक्ष संजय सिंह समेत दर्जनों नेता शामिल हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश संगठन मंत्री इंजीनियर रविंद्र सिंह का कहना है कि खगड़िया से राजेश वर्मा, समस्तीपुर से शांभवी चौधरी और वैशाली से वीणा देवी से मोती रकम लेकर उन्हें टिकट दिया गया है। उनके इस निर्णय से संगठन सहमत नहीं था। रविन्द्र सिंह ने कहा कि इन तीनों को टिकट देने से कार्यकर्त्ता में नाराजगी है। यह नहीं होना चाहिए था इसलिए हमलोग एक साथ पार्टी छोड़ रहे हैं।
एनडीए के पूर्व सांसद अरुण कुमार लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से पिछले सप्ताह ही अलग हो गये थे। उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। अरुण कुमार ने चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।
अरुण कुमार के पार्टी छोड़ने के कारण पूछने पर उन्होंने बताया था कि मैंने किन परिस्थितियों में उनका साथ दिया, लेकिन उन्होंने मुझे धोखा दिया। अरुण कुमार ने कहा था कि चिराग के चाचा पशुपति पारस ने उन्हें धोखा दिया, उस समय मैं चिराग के साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि चिराग ने मुझे आश्वस्त किया था कि वह मुझे नवादा या जहानाबाद से उम्मीदवार बनायेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे पहले चिराग यह भी कहते रहे कि मैं नीतीश कुमार के साथ नहीं जाऊंगा लेकिन अंतत क्या हुआ, वह अपनी बात से पलट गये। चिराग ने मुझे धोखा दिया है।
अरुण कुमार ने कहा कि अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में मुझे इससे बड़ा धोखा नहीं मिला था जो चिराग ने मुझे अब दिया है।