बीरेंद्र कुमार झा
पटना हाईकोर्ट ने जाति गणना को लेकर राज्य सरकार द्वारा दायर अपील याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश सुरेश प्रसाद की खंडपीठ में मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से दायर कंट्रोल लोकेटेड एप्लीकेशन याचिका पर सुनवाई हुई।इसमें सरकार ने जाति गणना की सुनवाई 3 जुलाई 2023 के पहले करने का अनुरोध हाईकोर्ट से किया था। कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अगर उसे लगता है कि हाईकोर्ट ने जाति गणना पर रोक लगाकर गलत आदेश पारित किया है, तो वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कोई आदेश 3 जुलाई के पहले देगा, तभी हाईकोर्ट में सुनवाई पहले संभव है।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि बिहार सरकार
हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।माना जा रहा है कि जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में 3 जुलाई से पहले इस याचिका की सुनवाई को लेकर अपील दायर की जाएगी। इस संबंध में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार जाति गणना कराने के लिए हर कानूनी उपाय करेगी। इधर महाधिवक्ता पीके शाही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का निर्णय राज्य सरकार को लेना है। सरकार अगर सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए उनसे सुझाव मांगेगी तो वे अवश्य इस आशय का सलाह देंगे।
जाति गणना का 80 प्रतिसत काम पूरा
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने इस मामले की अगली सुनवाई करने के लिए एक याचिका दायर की है।उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई 3 जुलाई 2023 के पहले किसी भी तिथि को करने का आदेश पारित किया जाय।उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने तो द्वितीय चरण की जाति गणना का काम करीब-करीब 80% कर लिया है ।अब बहुत कम ही करना बाकी है।अगर इस याचिका की सुनवाई 3 जुलाई के पहले कोर्ट द्वारा नहीं दी जाती है, तो कम से कम यह जरूर आदेश दिया जाए कि बची हुई जाति गणना का काम सरकार पूरा कर ले।
आदेश में नहीं होगा किसी तरह का संशोधन
कोर्ट ने महाधिवक्ता को सुनने के बाद कहा कि वह अपने आदेश में किसी भी तरह का हस्तक्षेप संशोधन नहीं करेगी। अगर सरकार को लगता है कि हाई कोर्ट का आदेश गलत है तो वह उसे आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन किसी भी हाल में इस याचिका की सुनवाई 3 जुलाई के पहले नहीं की जाएगी। कोर्ट ने राज्य सरकार के सभी अनुरोध और दलील को खारिज करते हुए राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया ।