बीरेंद्र कुमार झा
झारखंड के शिक्षा एवम मद्य मंत्री मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत खराब है।मंत्री जी का इलाज चेन्नई में चल रहा है। वहीं झारखंड में इसे लेकर राजनीति तेज है।
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि झारखंड के शिक्षा और मद्य निषेध विभाग मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत चिंता की वजह से खराब हुई है। उन्हें पता है कि शराब घोटाले मामले में अधिकारी को बुलाने के बाद भी वह मंत्री के समक्ष नहीं आ रहे। इस चिंता में उनकी तबीयत पर असर पड़ा है। बाबूलाल मरांडी ने जगरनाथ महतो के बेहतर स्वस्थ की कामना करते हुए हेमंत सरकार पर निशाना साधा है।
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद तनाव में जगरनाथ महतो
बाबूलाल मरांडी ने सवाल पूछा कि क्या आपको पता है कि दिल्ली वाले मंत्री मनीष सिसोदिया जी की गिरफ़्तारी के बाद से मंत्री जगरनाथ महतो जी बेहद तनाव में हैं? झारखंड में छत्तीसगढ़ी दारू सिंडिकेट के कारनामे की ताज़ा जानकारी जानने के लिये उनके बुलावे पर भी अधिकारी उनसे मिलने नहीं जा रहे थे ।नतीजतन चिंता से परेशान मंत्री जी ने बैंक गारंटी बग़ैर शराब बेचने का काम कर रहे कंपनियों पर तुरत कारवाई करने के लिये लिख भेजा। ताकि वो आगे आपके (मुख्यमंत्री) किये कारनामे की वजह से खुद परेशानी में न खुद न पड़ जायें।
सीएम की वजह से मंत्री जी तनाव में
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर पूछा छत्तीसगढ़ी शराब घोटाला की आप खुद अपनी कारिस्तानी एवं नाजायज लाभ के लिये अस्वस्थ चल रहे बेचारे जगरनाथ महतो जी को तनाव में रखने का काम क्यों कर रहे हैं? . गुजरे दस महीनों में शराब के खेल में जो लूट, मनमानी, अराजकता एवं राजस्व की क्षति हुई, इसके लिये ज़िम्मेदार कौन है? . क्या आपने इस मामले में दोषियों को चिन्हित कर क़ानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है? क्या आप मनरेगा, पत्थर-बालू, ज़मीन लूट लेकर नित नये उजागर हो रहे घोटाले की तरह शराब घोटाले का भांडा फूटने का भी इंतज़ार कर रहे हैं?
झारखंड में हजारों करोड़ का शराब घोटाला
झारखंड में शराब घोटाला का आरोप लगाते हुए बाबूलाल मरांडी ने पहले भी हेमंत सरकार पर निशाना साधा था। दावा किया है कि यदि जांच हुई तो पता चलेगा कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लाई गई शराब नीति के बाद हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने दावा किया कि 700 करोड़ रुपये का घोटाला तो सरकार खुद स्वीकार कर रही है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर सीएम हेमंत सोरेन निर्दोष हैं तो मामले की जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए।