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अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा पर तीन करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज, उमेश पाल मॉडल में भी लगे थे आरोप

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बीरेंद्र कुमार झा

माफिया अतीक- अशरफ हत्याकांड के बाद उसके गुर्गों और अन्य करीबियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस लगातार जुटी हुई है। इसमें से कई ऐसे लोग भी हैं जो अतीत के नाम पर दूसरों को धमकाने से लेकर अन्य तरह की कई गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। अब पुलिस ने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के वकील विजय मिश्रा पर 3 करोड रुपए की रंगदारी मांगने के आरोप में एफ आई आर दर्ज कराई है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है,हालांकि वकील ने पुलिस पर उसे फंसाने का आरोप लगाया है।

थाना अतरसुइया में केस दर्ज

इस प्रकरण में अतरसुइया थाने में लिखाई रिपोर्ट में दरियाबाद निवासी लकड़ी व्यवसाय सईद अहमद ने आरोप लगाया है कि विजय मिश्रा करीब सवा लाख रुपए की प्लाई और मायका उधार ले गए थे इसके रुपए मांगने पर उनको धमकी देने के साथ रंगदारी भी मांगी गई।

बकाया रकम मांगने पर भी धमकी और मांगी रंगदारी

पुलिस का कहना है कि लकड़ी कारोबारी सईद अहमद की शिकायत के मुताबिक उनकी मुट्ठीगंज में प्लाईवुड की दुकान है। 5 जनवरी को विजय मिश्रा लगभग 1.20 लाख की प्लाई और मायका उधार ले गए थे। इसके बाद 17 अप्रैल को दुकान के कर्मचारी शेखर ने जब उन्हें फोन करके बकाया रुपए देने को कहा तो उसे धमकी दी गई। इसके बाद 20 अप्रैल को विजय मिश्रा ने फोन करके अतीक अहमद और उसके गुर्गों के नाम पर तीन करोड़ की रंगदारी मांगी,और रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी । पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

धमकी की कॉल रिकॉर्डिंग के बाद कारोबारी से पूछताछ

इस मामले में अहम बात यह है कि लकड़ी व्यवशायी सईद अहमद से पुलिस अतीक – असरफ हत्याकांड के बाद पूछताछ कर चुकी है। कहा जा रहा है कि अतीक – असरफ मर्डर के बाद पुलिस को एक कॉल रिकॉर्डिंग मिली थी, जिसके बाद कारोबारी शक के दायरे में आ गया था। इस रिकॉर्डिंग में उसकी विजय मिश्रा से रुपए को लेकर बातचीत हुई थी। हालांकि पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।

उमेश पाल हत्या कांड मामले को लेकर भी विजय मिश्रा पर आरोप

जिस विजय मिश्रा पर अतीक और अशरफ के नाम पर रंगदारी वसूलने का आरोप लगा है,उसका नाम पुलिस कस्टडी के दौरान अतीक के करीबी वकील खान सौलत हनीफ ने भी लिया था। कहा जा रहा है कि वकील सौलत ने आरोप लगाया था कि उमेश पाल हत्याकांड के दिन उमेश पाल के कचहरी से निकलने की सूचना उसके सामने विजय ने ही अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिए दी थी ।हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि यह विजय मिश्रा वही वकील है या फिर इस नाम का कोई और शख्स इस मामले में शामिल था।

पुलिस पर षड्यंत्र करके फंसाने का आरोप

वकील विजय मिश्रा के मुताबिक उसका सईद अहमद से कोई विवाद नहीं है।उसने फर्नीचर के काम को लेकर जनवरी में 1.2 साल ₹ की प्लाई मंगवाई थी, जिसमें से ₹1लाख का ऑनलाइन भुगतान भी कर दिया गया था। इसके बाद शेष ₹20 हजार के बिल के लिए अप्रैल को सईद अहमद के मुंशी ने फोन करके रुपए मांगे।इस पर उसने थोड़ी नाराजगी जताई थी। बाद में सईद अहमद ने फोन करके सफाई दी कि मुंशी को किसी दूसरे विजय मिश्रा को फोन करना था, गलती से उन्हें कर दिया ।इसी कॉल रिकॉर्ड को पुलिस ने सुन लिया।

कारोबारी को धमकाकर पुलिस ने दर्ज कराई एफ आई आर

विजय मिश्रा के मुताबिक इसके बाद पुलिस ने सईद अहमद को थाने में बिठाए रखा और बाद में उसके खिलाफ तहरीर लिखवाने के बाद ही छोड़ा। विजय मिश्रा ने कहा कि पुलिस उसे फंसाने की साजिश रच रही है। इसके पहले भी सौलत हनीफ के बयान के आधार पर पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में उसका नाम लिया था ,तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से लेकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र के जरिए इस मामले से सब को अवगत कराया था कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा सकता है। पुलिस अब वही करती नजर आ रही है।

आशिक अशरफ हत्याकांड के बाद रंगदारी मांगने पर उठे सवाल

इस पूरे प्रकरण में 1 महीने पहले मांगी गई रंगदारी की रिपोर्ट अब दर्ज कराने पर भी सवाल उठ रहा है।अतीक – अशरफ के जरिए धमकी की बात कही जा रही है। लेकिन उसकी हत्या 15 अप्रैल को ही हो चुकी थी, ऐसे में उसके नाम से किसी को धमकी देना और रंगदारी मांगना भी कई सवाल खड़े कर रहा है।

 

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