अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात जवान की गोली लगने से मौत हो गई। घटना बुधवार सुबह 5.25 बजे की है। जवान का नाम शत्रुघ्न विश्वकर्मा है। सूत्रों ने बताया कि घटना के समय जवान कोटेश्वर मंदिर के सामने बन रहे वीआईपी गेट के पास तैनात था। यहां से राम मंदिर का मुख्य हिस्सा महज 150 मीटर की दूरी पर है।
जवान के ललाट पर लगी गोली
घटना के समय शत्रुघ्न के पास और भी जवान तैनात थे। गोली जवान के सिर में सामने से ललाट पर लगी है। साथी सुरक्षाकर्मी तुरंत उसे अस्पताल ले गए। हालत गंभीर होने पर ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने जवान को मृत घोषित कर दिया।मंदिर परिसर में जवान की मौत से हड़कंप मच गया।आईजी और एसएसपी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल की जांच की। फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया।
पुलिस की पोस्टमार्टम का है इंतजार
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि गोली सामने से सिर में कैसे लगी? हालांकि, पुलिस का कहना है कि जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सारी चीजें स्पष्ट होगी। साथियों ने बताया कि घटना से पहले शत्रुघ्न मोबाइल देख रहा था। पुलिस ने जवान के परिवार को सूचना दे दी है। परिजन मौके पर पहुंच गए हैं।
मृतक ने 2019 में जिन किया था एसएसएफ में योगदान
शत्रुघ्न विश्वकर्मा 2019 बैच का था। वह अंबेडकरनगर के थाना सम्मनपुर के गांव कजपुरा का रहने वाला था। विश्कर्मा पीएसी से एसएसएफ में तैनात था। पांच भाई में चौथे नंबर पर था।अभी शादी नहीं हुई थी। पिता की मौत हो चुकी है। अभी एसएसएफ में तैनात था। एसएसएफ फोर्स को मंदिर की सुरक्षा के लिए गठित किया गया है एसएसएफ।
राम मंदिर परिसर में पहले भी दो जवानों को गोली लगी थी
इसी साल, 26 मार्च को राम जन्मभूमि परिसर में कमांडो राम प्रताप के सीने गोली में लग गई थी। वो अपनी AK-47 साफ कर रहे थे, तभी उससे गोली चल गई थी। बाईं तरफ सीने से गोली आर-पार हो गई। लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। वहां उनका इलाज किया गया। वह ठीक हो गए थे।
राम मंदिर के रेड जोन में हुई थी जवान की मौत
25 अगस्त 2023 को राम जन्मभूमि परिसर के रेड जोन की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवान कुलदीप कुमार त्रिपाठी की गोली लगने से मौत हो गई थी। जांच के बाद बताया गया कि गोली उनकी सर्विस राइफल से चली थी। जवान सिद्धार्थ नगर का रहने वाला था।
4 साल पहले हुआ था एसएसएफ का गठन
एसएसñएफ यानी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन योगी सरकार ने चार साल पहले किया था। एसएसएफ को बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार है। इसके पास घर की तलाशी की पावर, सहित अनेक असीमित अधिकार हैं। फोर्स का नेतृत्व एडीजी स्तर का अधिकारी करता है।बिना सरकार की इजाजत के एसएसएफ के अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट भी संज्ञान नहीं ले सकती। ऐसा इसके गठन के दौरान अधिसूचना जारी की गई थी। यह फोर्स महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, दफ्तरों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा एसएसएफ करती है। पेमेंट देकर निजी क्षेत्र भी एसएसएफ की सेवाएं ले सकते हैं।