बीरेंद्र कुमार झा
जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को ऐतिहासिक भारत- पश्चिम एशिया – यूरोप इकोनामिक कॉरिडोर की घोषणा की गई। इसमें भारत अमेरिका, यूएई, सऊदी अरब, फ्रांस इटली, जर्मनी और यूरोपीय संघ की भागीदारी होगी। इस कॉरिडोर के जरिए अब भारत पश्चिम एशिया और यूरोप से रेल और पोर्ट के जरिए सीधे जुड़ जाएंगे। इसके बन जाने से भारत और यूरोप के बीच व्यापार में करीब 40% तक की वृद्धि होगी इसे चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI ) कॉरिडोर का जवाब माना जा रहा है।
इस कॉरिडोर का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन , साऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ की। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम ऐतिहासिक साझेदारी पर पहुंच गए हैं। आने वाले समय में यह भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप की आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम बनेगा। वहीं बाइडेन ने कहा कि अमेरिका हिंद महासागर की तरफ अंगोला से एक नई रेल लाइन में निवेश करेगा । इससे नौकरियां पैदा होगी और खाद्य सुरक्षा बढ़ेगा।
एक नजर में यह भी जाने
* ऐतिहासिक करार चीन के बीआरआई कॉरिडोर के जवाब में इकोनामिक कॉरिडोर।
* अब पश्चिम एशिया के देश भारत व यूरोप से रेल और पोर्ट के जरिए सीधे जुड़ेंगे।
* डेटा ,रेलवे, पोर्ट, बिजली नेटवर्क और हाइड्रोजन पाइपलाइन का बिछेगा जाल।
भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई फ्रांस,इटली, जर्मनी व यूरोपीय संघ के बीच सहमति ।
* भारत की पहल पर अब अफ्रीकी संघ जी-20 का स्थायी सदस्य। 55 देश को मिलेगा फायदा।
* अफ्रीकी संघ के स्थाई सदस्य बनने से जी-20 और ग्लोबल साउथ की आवाज होगी मजबूत।
* अफ्रीकी संघ की सामूहिक जीडीपी लगभग 3000 अरब अमेरिकी डॉलर है।
* यूरोपीय संघ के बाद अफ्रीकी संघ दूसरा बहुराष्ट्रीय समूह बना जी-20 का स्थायी सदस्य
* रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज सम्मेलन में नहीं ले रहे भाग।
प्रधानमंत्री की अपील:वैश्विक विश्वास की कमी को करें खत्म
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वैश्विक नेताओं से वैश्विक विश्वास की कमी को खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने घोषणा की की जी – 20 के नई दिल्ली घोषणा पत्र पर सहमति बन गई है और नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन को अपनाया गया है।भारत की जी 20 की अध्यक्षता में यह एक महत्वपूर्ण कामयाबी है। साथ ही भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ को जी – 20 समूह की स्थायी सदस्यता दी गई । समूह के सभी सदस्य देशों ने 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
जी-20 में भी भारत
जी – 20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखे बोर्ड ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखे बोर्ड पर भारत लिखा था। वहीं बीते साल 15 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देश का जो सम्मेलन हुआ था उसमें मोदी के सामने रख बोर्ड पर इंडिया लिखा था।
भारत और यूरोप के बीच 40% बढ़ेगा व्यापार
प्रस्तावित कॉरिडोर से यूएई, सऊदी अरब,जॉर्डन और इजराइल से पूरा मध्य पूर्व रेलवे और बंदरगाह से जुड़ जाएगा। इससे भारत और यूरोप के बीच व्यापार में 40% तक की तेजी आएगी। इसके अलावा अरब देशों और भूमध्य सागर के बीच भूमि व्यापार मार्ग में तेजी लाने के लिए इसराइल व खाड़ी देशों में चर्चा हुई है।
अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजीली ने पीएम मोदी को लगाया गले
भारत ने अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता दिए जाने का प्रस्ताव पेश किया।बतौर अध्यक्ष सभी देशों की सहमति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही प्रस्ताव को पारित किया ,वैसे ही अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष असौमानी अजीली ने मोदी से हाथ मिलाया और उन्हें गले लगा लिया। भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपीय संघ ने भी समर्थन किया।