बीरेंद्र कुमार झा
भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध के बीच चीनी राजदूत का बड़ा बयान सामनेआया है।उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से कहा है कि द्विपक्षी संबंधों को स्थिर करने की जरूरत है।दोनों देश सीमा पर बढ़ते सैन्य तनाव को कम करने के तरीकों की तलाश करें।चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान बैठकों के मौके पर वांग ने जयशंकर से कहा कि दोनों देशों के बीच संदेह के बजाय आपसी समर्थन की जरूरत है।
गौरतलब है कि भारत और चीन 3800 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।1962 में दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुके हैं।हाल के वर्षों में फिर से दोनों के संबंध खराब हुए हैं। गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुए थे।
1990 के दसक में हुए सुधार के बाद फिर से खराब हुए रिश्ते
1962 में हुए भारत और चीन युद्ध के बाद 1990 के दशक से दोनों देशों के बीच के संबंधों में सुधार होना शुरू हुआ था। तब कटुपूर्ण मामले को छोड़कर अन्य मामलों में संबंध बढ़ाने की बात हुई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ने लगे।चीन अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।हालांकि 2020 में उस समय इस रिश्ते को झटका लगा जब सीमा पर झड़प के दौरान आमने सामने की लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए।कई चीनी सैनिक भी मारे गए।इसके बाद दोनों देश की सेनाओं की तरफ से मुस्तैदी बढ़ा दी गई।इसके बाद कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता हुई जिससे दोनों सेनाओं के बीच तनाव कम करने में भी कुछ मदद मिली, लेकिन अभी भी संबंध सामान्य नहीं हुए हैं। भारत ने हाल ही में सीमा पर स्थिति को नाजुक और खतरनाक बताया है।
दोनों पक्षों को स्वीकार्य मुद्दों पर बढ़ने की जरूरत
चीनी राजदूत वांग ने शुक्रवार को अपनी बैठक के दौरान एस जयशंकर से कहा कि चीन और भारत को दोनों पक्षों को स्वीकार्य सीमा मुद्दों का समाधान खोजने के लिए एक ही दिशा में काम करने की जरूरत है।वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को एक दूसरे का समर्थन करना चाहिए और एक दूसरे को नीचा दिखाने या एक दूसरे पर संदेह करने के बजाय मिलकर चीजें ठीक करनी चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष सीमा मुद्दों पर सैन्य कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्ता शीघ्र आयोजित करने पर सहमत हुए हैं।
2020 के बाद भारत ने चीनी व्यापार पर की है निगाहें कड़ी
2020 के बाद से भारत ने चीनी व्यवसायियों की जांच बढ़ा दी है। टिक टॉक सहित 300 से अधिक चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा चीनी कंपनियों के निवेश की जांच भी तेज कर दी है। चीनी कंपनियों के खिलाफ भारत के हालिया प्रतिबंधों पर वांगने चीनी कंपनियों के लिए निष्पक्ष पारदर्शी और गैर भेदभाव पूर्ण कारोबारी माहौल बनाने का आग्रह किया है।