Homeदुनियापुतिन - मोदी की बातचीत से भारत में रक्षा सामग्री बनने का...

पुतिन – मोदी की बातचीत से भारत में रक्षा सामग्री बनने का मार्ग हुआ प्रशस्त

Published on

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का रूस और यूक्रेन पर तो प्रभाव पड़ ही रहा है,भारत पर भी इसका असर पड़ रहा है। रूस- यूक्रेन युद्ध के चलते भारतीय सेनाओं के कई रक्षा उपकरणों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। लेकिन, अब इसका समाधान निकलता हुआ दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को हुई शिखर वार्ता के दौरान दोनों देश भारत में ऐसे उपकरणों के संयुक्त उत्पादन पर सहमत हुए हैं।

सेना से जुड़े सूत्रों ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बातचीत के बाद भारत में सैन्य उपकरण बनाने को लेकर हुई घोषणा को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे तीनों सेनाओं को उन उपकरणों को सेवा के योग्य बनाने में मदद मिलेगी, जिसके लिए रूस या यूक्रेन से कल पुर्जे की आपूर्ति पिछले 2 सालों से युद्ध के चलते रुकी पड़ी हुई है। हालांकि कुछ उपकरण स्थानीय स्तर पर बनाए भी गए हैं,इसके बावजूद समस्या बनी हुई है।

कुछ समय पूर्व तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि युद्ध के चलते अकेले थल सेना के 40% रक्षा प्रणालियों प्रभावित हुई है। सूत्रों के अनुसार कलपुर्जों की आपूर्ति नहीं होने से मुख्य रूप से एयर डिफेंस सिस्टम,टैंक,लड़ाकू एवं परिवहन विमान, हेलीकॉप्टर , जंगीपोत,पनडुब्बिया आदि प्रभावित हुई है।

एक आकलन के अनुसार तीनों सेनाओं में उच्च श्रेणी के 60 से 65% रक्षा प्लेटफार्म रूस या यूक्रेन निर्मित है। पिछले दो दशकों में 65 प्रतिशत रक्षा खरीद रूस से हुई है। इस प्रकार वायु सेवा ने एक संसदीय समिति को दिए प्रेजेंटेशन में कहा था कि सुखोई विमान पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा है। रखरखाव नहीं होने के कारण 50% सुखोई विमान उड़ान भरने की स्थिति में नहीं है।

नौ सेना के मिग 29 विमानों , सिंधु घोष श्रृंखला के पनडुब्बियों के लिए रूस के कल पुर्जों एवं पोतों में इस्तेमाल होने वाले गैस टरबाइन इंजन के लिए यूक्रेन पर निर्भर है। नौसेना की एक पनडुब्बी मरम्मत के लिए रूस गई थी, लेकिन रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न हालातो के चलते वह महीना के विलंब के बाद लौटी है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों के बीच बनी सहमति के तहत दोनों देश मेक इन इंडिया के तहत भारत में संयुक्त उपक्रम स्थापित करेंगे ।रूस इस उपक्रम को तकनीक का हस्तांतरण करेगा ।इस प्रकार दोनों देश संयुक्त रूप से कल पुर्जों का उत्पादन करेंगे इससे रूस और यूक्रेन में बने हथियारों की मरम्मत भारत में हो सकेगी।इसके अलावा यह उपक्रम दूसरे देशों को भी इन कलपुर्जों का निर्यात कर सकेगा ब्रह्मोस मिसाइल और एके 203 राइफल के बाद यह दोनों देशों के बीच तीसरा संयुक्त उपक्रम होगा। ब्रह्मोस मिसाइल और एक के 203 रायफलों का दोनों देश भारत में संयुक्त उत्पादन कर रहे हैं,जबकि तकनिक का स्थानांतरण के तहत मिलेगा लाइसेंस के जरिए भारत सुखोई विमानों और और टी 90 टैंको का निर्माण कर रहा है।

संयुक्त उपक्रम उत्पादन कब से शुरू हो सकेगा, वह इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले दिनों में दोनों देश इसपर कितने तेजी से आगे बढ़ते हैं। चूंकि यह उपक्रम भारत की किसी रक्षा कंपनी जैसे एचएएल या अन्य के साथ होगा, इसलिए बुनियादी ढांचा हमेशा तैयार मिलेगा।

Latest articles

दूसरे टेस्ट के लिए भारत की प्लेइंग XI का खुलासा! नेट पर दिखे नये चेहरे

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन को लेकर...

: बिहार चुनाव में क्षेत्रीय दलों की एंट्री, NDA और महागठबंधन की रणनीति में मच सकती है हलचल

बिहार के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में राज्य की सियासत में एक कयास जरूर लगाया...

पंत को नहीं मारनी चाहिए थी गुलाटी, सर्जरी करने वाले डॉक्टर ने दी सख्त हिदायत

इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में टीम इंडिया के उपकप्तान ऋषभ...

पुरी में भगदड़, 3 की मौत, CM ने मांगी माफी, DM-SP का ट्रांसफर!

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान रविवार की सुबह श्री...

More like this

दूसरे टेस्ट के लिए भारत की प्लेइंग XI का खुलासा! नेट पर दिखे नये चेहरे

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन को लेकर...

: बिहार चुनाव में क्षेत्रीय दलों की एंट्री, NDA और महागठबंधन की रणनीति में मच सकती है हलचल

बिहार के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में राज्य की सियासत में एक कयास जरूर लगाया...

पंत को नहीं मारनी चाहिए थी गुलाटी, सर्जरी करने वाले डॉक्टर ने दी सख्त हिदायत

इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में टीम इंडिया के उपकप्तान ऋषभ...