न्यूज डेस्क
अगले महीने मोदी सरकार के 9 बरस पूरे हो जाएंगे । इन 9 वर्षों में मोदी सरकार ने देश को क्या दिया है इसकी सूची बीजेपी तैयार कर रही है । आर्थिक और सामाजिक स्तर पर देश को क्या कुछ मिला इसका भी आंकलन किया जा रहा है और इसके साथ ही मोदी सरकार ने विज्ञान के साथ ही विदेश नीति में क्या कुछ बेहतरी की है इसे भी संकलित किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इन 9 वर्षों की कहानी को एक पुस्तिका में समेटने को कोशिश की जा रही है जिसे आम जन तक पहुंचाया जाएगा।
मोदी सरकार के 9 वर्षों की उपलब्धि को जनता तक पहुंचाने की योजना तैयार कर ली गई है। 15 मई से 15 जून तक यह जनसंपर्क सभी संसदीय क्षेत्रों में चलाने को तैयारी है। इसमें बीजेपी के सभी विधायको और सांसदों के साथ ही कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जा रहा है। खासकर मोदी सरकार की सभी केंद्रीय योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का या व्यापक अभियान होगा। जानकारी के मुताबिक इसके बाद अगले साल की शुरुआत में एक और बड़ा अभियान शुरू होगा जिसमे चुनावी मुद्दों की जानकारी होगी और विपक्ष पर क्या हमले किए जाए इसकी भी तैयारी अभी से ही की जा रही है ।
जानकारी के मुताबिक पार्टी की ओर से इस संबंध में सभी सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने का निर्देश दिया गया है। सांसदों को खासतौर से नए मतदाताओं से संपर्क साधने के लिए विशेष तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सांसदों से अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षकों, वकीलों, व्यवसायियों, खिलाड़ियों, कलाकारों, धार्मिक नेताओं, पूर्व सैनिकों, विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े पेशेवरों की सूची बनाने और इनसे संपर्क साधने के लिए कार्यक्रम बनाने के लिए कहा गया है।
इसी प्रकार किसानों, मजदूरों, पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति-जनजातियों से संपर्क साधने के कार्यक्रम तय किए गए हैं। जनसंपर्क अभियान के साथ ही पार्टी जिलावार मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में आए बदलावों पर भी कार्यक्रम करेगी। इस दौरान वैश्विक मंच पर देश की बढ़ती ताकत, जी-20 सहित अहम वैश्विक संगठनों की मिली मेजबानी, आर्थिक क्षेत्र में हुई प्रगति का भी जिक्र किया जाएगा।
जानकारी मिल रही है कि बीजेपी भी बिहार में चल रही जातीय जनगणना के परिणाम को देखना चाहती है । अगर परिणाम उसके खिलाफ आते हैं तो संभव है कि वह जातीय जनगणना करने पर राजी हो सकती है । कहा जा रहा है कि बीजेपी को सबसे बड़ी चुनौती बिहार और यूपी में मिलने की संभावना है । यूपी में सपा भी जातीय जनगणना को लेकर लामबंदी कर रही है । बीजेपी को डर है कि अगर जातीय जनगणना के आश्रय सपा कोई बड़ा मुहिम शुरू करती है तो उसकी मुश्किल बढ़ सकती है । ऐसे में अब जातीय जनगणना भी बीजेपी के एजेंडे में शामिल है ।
खबर ये भी है कि अगले साल राम मंदिर का उद्घाटन होना है। बीजेपी और संघ के लोग इस मेडल को घर घर तक पहुंचाने को तैयार हैं । यह बीजेपी का सबसे बड़ा अभियान होगा।