बीरेंद्र कुमार झा
पाकिस्तान के सिंध में आपराधिक गिरोहों ने महिलाओं और बच्चों से 30 हिंदुओं को बंधक बना लिया है।पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने इस घटना पर चिंता जताई है। मानवाधिकार आयोग की ओर से ट्वीट करके कहा गया है कि सिंध के काशमोरा और घोटकी जिलों में बिगड़ती कानून व्यवस्था की रिपोर्ट मिली है, जिसे लेकर एचआरसीपी चिंतित है। यहां महिलाओं और बच्चों समेत हिंदू समुदाय के लगभग 30 सदस्यों को संगठित आपराधिक गिरोहों ने बंधक बनाया लिया है।
एचआरसीपी ने सिंध के गृह विभाग को तुरंत कार्यवाही करने के लिए निर्देश
एचआरसीपी को घटना को लेकर परेशान करने वाली रिपोर्ट मिली है। बताया गया है कि इस गिरोह ने हाई ग्रेड हथियारों के जरिए समुदाय के पूजा स्थलों पर हमला करने की धमकी दी है।आयोग की तरफ से कहा गया कि सिंध के गृह विभाग को इस मामले की तुरंत जांच करनी चाहिए, साथ ही इन इलाकों में रहने वाले सभी कमजोर नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण (NDRA) से मिले आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की कुल आबादी में अल्पसंख्यक 5% से भी कम है। इसमें हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हैं।
पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला कोई नई बात नहीं
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सिंध में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला कोई नई बात नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ महीनों में सिंध के शेख भीरकियों गांव और टांडो अल्लाहयार जिले में हिंदू और सिखों को निशाना बनाने की कई घटनाएं हुई हैं। इसी तरह पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर हमला की घटनाओं में पिछले दशकों में इजाफा हुआ है।एक हालिया घटना में डकैतों के एक गिरोह ने रविवार तड़के सिंध के कश्मोर में हिंदू समुदाय के सदस्यों के पूजा स्थल पर रॉकेट लांचर से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि यहां आस-पास के हिंदुओं के घरों पर भी गोलीबारी हुई है, हालांकि इसमें किसी के मारे जाने की खबर नहीं है।
वहीं एक दूसरी घटना में कराची में करीब 150 साल पुराने एक हिंदू मंदिर को खतरनाक ढांचा बताते हुए ध्वस्त कर दिया गया मंदिर ध्वस्त किए जाने के बाद इलाके में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग दहशत में हैं कराची के सोल्जर बाजार में स्थित मारी माता मंदिर को शुक्रवार देर रात भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर की मदद से ढा दिया गया।क्षेत्र में हिंदू मंदिरों की देखभाल करने वाले रामनाथ मिश्रा महाराज ने कहा कि अधिकारियों ने देर रात मंदिर को गिरा दिया,जबकि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि ऐसा कुछ होने वाला है।