Homeदेश17वीं लोकसभा समाप्त ,लोकसभा के आखिरी दिन कई सांसद भावुक हो गए

17वीं लोकसभा समाप्त ,लोकसभा के आखिरी दिन कई सांसद भावुक हो गए

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अखिलेश अखिल
शनिवार को 17 वीं लोकसभा का अंतिम सत्र भी ख़त्म हो गया। लोकसभ के आखिरी दिन कई सांसदों ने पांच साल की कहानी को सामने रखा तो कइयों ने पांच के बी हीटर जो कुछ भी देखने को मिला उसका बखान किया। कई सांसदों ने पांच साल कैसे गुजर गए इसको लेकर अपने अनुभव को साझा किया। कइयों ने कोविड की यद् को ताजा किया तो कइयों ने जनता की लोकसभा से क्या अपेक्षा होती है इसको रेखांकित किया।

वर्तमान लोकसभा के आखिरी दिन शनिवार को सदन में उस समय भावुकता का माहौल देखने को मिला जब विभिन्न दलों के सदस्यों ने पांच साल के अनुभव को साझा किया और उम्मीद जताई कि फिर जीतकर आएंगे और सदन में अपने-अपने क्षेत्र की जनता के हितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

लोकसभा सदस्यों ने जहां पिछले पांच साल में पारित ऐतिहासिक विधेयकों का साक्षी होने पर खुद को गौरवशाली बताया और कहा कि उन्होंने पुराने भवन में सदस्यता की शपथ ली और नए भवन तक के सफर के बाद आज वर्तमान लोकसभा से विदाई ले रहे हैं।

एनसीपी की सुप्रिया सुले ने कहा कि पांच साल कैसे निकल गए यह पता ही नहीं चला। ऐसा लगता है जैसे कल ही जीत करके सदन में आए थे। इन पांच सालों में बहुत कुछ सीखने को मिला और आपसी नोकझोंक के बावजूद एक दूसरे के सहयोग से सदन चलता रहा।उन्होंने कहा,“ पुराने भवन की यादें हम सब के साथ हैं। राजनीतिक लड़ाई चलती रहेगी और सब लोग फिर दोबारा चुनकर आएं ऐसी सबको शुभकामनाएं हैं।

अपना दल की नेता तथा केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा,“ आज 17वीं लोकसभा का अंतिम दिन है और पांच साल कैसे निकले पता ही नहीं चला। ये पांच साल हमारे जीवन के अहम पल हैं और हमेशा हमें याद रहेंगे।”

उन्होंने कहा कि इस लोकसभा में कई ऐतिहासिक कार्य हुए। इस लोकसभा ने दुनिया के सबसे भयावह कोविड काल को भी देखा है। सदन का एक-एक मिनट मूल्यवान होता है लेकिन सदन का महत्वपूर्ण समय हंगामा की भेंट चढ़ जाता है। यहां जो लोग चुनकर के आते हैं उन्हें देश के हित के लिए सदन का इस्तेमाल करना चाहिए।

बसपा के रितेश पांडे ने कहा की सदन में ऐतिहासिक कार्य हुए जिनमे 370 धारा हटाई गई, महिला आरक्षण विधेयक पारित हुआ, पुराने भवन की भव्यता को देखा और नए भवन में आए, अनुभवी सांसदों से बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने एक शेर के साथ अपनी बात कहते हुए कहा सबको मिल जाएगी मंजिल यह जरूरी तो नहीं, जिंदगी के सफर में यूं ही चलते रहना है।

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