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मलिकार्जुन खरगे और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज, राष्ट्रपति के खिलाफ टिप्पणी करना पड़ा भारी

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बीरेंद्र कुमार झा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कथित तौर पर जातिसूचक शब्दों का हवाला देते हुए भड़काऊ टिप्पणी करने के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की ओर से दर्ज कराई गई है।शिकायतकर्ता विनीत जिंदल ने आरोप लगाया है कि इन दोनों नेताओं की ओर से समुदायों और समूहों के बीच आपसी शत्रुता बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस प्रकार का बयान दिया गया है।lउनकी ओर से राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार के खिलाफ अविश्वास पैदा करने की कोशिश की जा रही है, जो भारतीय दंड संहिता(IPC) की धारा 121, 153 ए और 505 तथा 34 के तहत दंडनीय हैं।

बयान में जानबूझकर किया गया जाति का उल्लेख

सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवाल की ओर से दिया गया कथित बयान भारत के राष्ट्रपति की जाति का उल्लेख करने के लिए जानबूझकर दिए गए हैं। इन दोनों की ओर से इस प्रकार के दिए गए बयानों का आशय यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार ने नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को जानबूझकर आमंत्रण नहीं भेजा है।

सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल

शिकायत में आगे कहा गया है कि इन बयानों को समाचार माध्यमों और सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित और प्रसारित किया जा रहा है। इस प्रकार के बयानों का उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (ST) और आदिवासी समुदाय के लोगों को भड़काना है। शिकायत में कहा गया है कि हमारी राष्ट्रपति भी आदिवासी समुदाय से संबंधित हैं और इसी को मुद्दा बनाया जा रहा है।

निंदनीय और संज्ञेय अपराध है ऐसा बयान

शिकायत में आगे कहा गया है जाति के आधार पर समुदायों और समूहों के बीच शत्रुता पैदा करने के लिए निर्वाचित सरकार के खिलाफ प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं की ओर से इस प्रकार का बयान देना बेहद निंदनीय है। इसमें यह भी कहा गया है कि राजनेताओं को केवल अपनी राजनीतिक लाभ के लिए उच्च संवैधानिक पदों को अपमानित करने की स्तर तक गिरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसके साथ ही उनका यह बयान न केवल निर्वाचित सरकार के खिलाफ अविश्वास पैदा करेगा,बल्कि कुछ समुदायों में भय जा माहौल भी बनाएगा, जो भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत संज्ञेय अपराध है और इसकी प्रकृति बहुत गंभीर है।

 

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