न्यूज डेस्क
बढ़ते तापमान से गेहूं की उत्पादकता प्रभावित होने की चिंता के बीच सरकारी शोध संस्थान इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइएआरआई) ने बुधवार को कहा कि स्थिति अभी खतरनाक नहीं है। साथ ही मार्च के मध्य तक तापमान के 35 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की स्थिति में किसानों को हल्की सिंचाई जैसे उपाय के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।
गेहूं रबी सीजन की मुख्य फसल है और अगले महीने कटाई के लिए तैयार हो जाएगी। मौसम विभाग ने देश के कुछ हिस्सों में तापमान बढ़ने का अनुमान जताया है। ऐसे में किसान पिछले वर्ष की पुनरावृत्ति को लेकर चिंतित हैं,जब लू ने फसल की पैदावार को प्रभावित किया था। आइएआरआई के निदेशक एके सिंह का कहना है कि मौसम विभाग ने सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान रहने का अनुमान जताया है लेकिन मार्च के मध्य तक यह 35 डिग्री से नीचे रहेगा।
उन्होंने कहा कि 35 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान गेहूं की फसल के लिए चिंता का विषय नहीं है। आइएआरआइ के कृषि और मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मार्च में फसल पकने के दौरान गर्मी एक प्रमुख चिंता का विषय है। चार दिनों तक लगातार तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहने पर ही फसल पर असर पड़ने की संभावना है। दूसरी ओर खुला बाजार बिक्री योजना के तहत ई—नीलामी के तीसरे दौर में 5.08 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई।