Homeदेशग्रामीण विकास के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को ईडी ने किया गिरफ्तार

ग्रामीण विकास के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को ईडी ने किया गिरफ्तार

Published on

  • बीरेंद्र कुमार झा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी अब इसे न्यायालय में पेश कर रिमांड के लिए आवेदन करेगी।ईडी ने 21 और 22 फरवरी को इसके 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ही ईडी ने इसे गिरफ्तार किया है। राज्य में भ्रष्टाचार के मामले में किसी इंजीनियर के खिलाफ की जाने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

पूछताछ में उगले कई राज

21 और 22 फरवरी को ईडी ग्रामीण विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी भी कर रही थी और इस दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर ग्रामीण विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से पूछताछ भी कर रही थी। पूछताछ के दौरान उसने ग्रामीण विकास विभाग में जारी काली कमाई की परंपरा और इसमें शामिल लोगों के बारे में बताया हालांकि ईडी के अधिकारी अभी इन बातों का खुलासा या पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

पीएमएलए (PMLA) की धारा 50 के तहत बयान किया दर्ज

बुधवार 22 फरवरी को पूछताछ के बाद ईडी के अधिकारियों ने पीएमएलए की धारा 50 के तहत ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम का बयान दर्ज किया इसके बाद देर रात में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने उसकी गिरफ्तारी की सूचना उसके पारिवारिक सदस्यों को दे दी है। 23 फरवरी को उसे पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जाएगा। साथ ही उसे रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया जाएगा।
वीरेंद्र राम के ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान ईडी द्वारा ₹30 लाख नकदी और 1.50 करोड रुपए के जेवरात जप्त किए गए ।इसके अलावा उसके 100 करोड़ रुपए से अधिक की चल अचल संपत्ति का भी पता चला है ।

कैसे होती है काली कमाई

प्राप्त सूत्रों के अनुसार झारखंड के इंजीनियरिंग विभागों में काली कमाई की परंपरा काफी पुरानी है। इस काली कमाई में स्थानीय स्तर के बिचौलिया से लेकर विभाग के वरीय पदाधिकारी और मंत्री तक शामिल रहते हैं ।सबसे पहले योजना के प्राकलन में ही विभिन्न हथकंडे अपनाकर अधिक राशि का प्राकलन तैयार किया जाता है। इसके बाद टेंडर मैनेज कर अपने मनचाहे को विलो रेट पर टेंडर दिया जाता है। फिर निर्माण कार्य में भी घटिया सामग्री का उपयोग किया जाता है या स्टीमेट से कम काम करा कर भी पैसा पास करा दिया जाता है।इसके अलावा कई बार अवधि विस्तार देकर योजना का खर्च बढ़ा दिया जाता है। बाद में जिसकी जो हिस्सेदारी बनती है वह, उसे दे दी जाती है। इन दिनों कमीशन की राशि ठेकेदार से समय-समय पर एडवांस ही ले लिए जाने की परंपरा भी प्रारंभ हो गई है।

Latest articles

USA से आया था फोन- पाक करने वाला है बड़ा हमला और फिर…’ एस जयशंकर का खुलासा

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले...

विधान सभा चुनाव 2025 से पूर्व नीतीश कैबिनेट में बड़ा फैसला

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है।राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग...

लांच हुई राष्ट्रीय खेल नीति 2025, Olympic 2036 पर नजर, 5 स्तंभ पर रहेगा पूरा फोकस

एक सुसंगठित दृष्टि और भावी रणनीति के साथ, अग्रणी राष्ट्र बनाने की दिशा में...

मोबाइल नंबर को हथियार बनाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाएगी लगाम! ये है सरकार का प्लान

साइबर फ्रॉड के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में दूरसंचार विभाग (...

More like this

USA से आया था फोन- पाक करने वाला है बड़ा हमला और फिर…’ एस जयशंकर का खुलासा

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले...

विधान सभा चुनाव 2025 से पूर्व नीतीश कैबिनेट में बड़ा फैसला

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है।राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग...

लांच हुई राष्ट्रीय खेल नीति 2025, Olympic 2036 पर नजर, 5 स्तंभ पर रहेगा पूरा फोकस

एक सुसंगठित दृष्टि और भावी रणनीति के साथ, अग्रणी राष्ट्र बनाने की दिशा में...