Homeदेशपीएम की ओबीसी जाति को लेकर राहुल द्वारा दिया गया बयान क्या गलत...

पीएम की ओबीसी जाति को लेकर राहुल द्वारा दिया गया बयान क्या गलत है ?

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न्यूज़ डेस्क

प्रधानमंत्री मौजूदा समय में तो ओबीसी समुदाय से ही आते हैं। लेकिन राहुल गाँधी ने पने बयान में जो तर्क दिया है उसमे कही न कही कोई झोल जरूर है। झोल यही है कि गुजरात में घांची तेली समाज को कब से ओबीसी के भीतर लाया गया ?

लगता है कि राहुल ने जिस तारीख का बखान किया है वह गलत है और तारीख गलत है तो राहुल के बयान भी झूठ और गलत ही लगते हैं। हालांकि यह भी साफ़ है कि प्रधानमंत्री मोदी जन्मजात ओबीसी समाज से नहीं है। उनकी जाति ओबीसी में बाद में ही दर्ज की गई है।राहुल ने कहा था कि , “आपलोगों को भयंकर बेवकूफ बनाया जा रहा है। पीएम मोदी ओबीसी पैदा नहीं हुए थे। वह तो तेली जाति में जन्मे थे।” राहुल के इस बयान को उनकी पार्टी के ही पूर्व नेता ने झूठ बताया है और उनसे इस झूठ को वापस लेने की मांग की है।           

गुजरात से भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व में कांग्रेस के नेता रहे नरहरि अमीन ने कहा कि जिस व्यक्ति को अपना गोत्र तक नहीं पता, वो आज एक गरीब परिवार और तेली समाज में जन्मे प्रधानमंत्री को ओबीसी सर्टिफिकेट दे रहा है! यह सामाजिक तौर पर पिछड़े सभी लोगों का अपमान नहीं तो और क्या है?

नरहरि अमीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जब 25 जुलाई 1994 को जीओजी ने मोध-घांची को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया, तब मैं कांग्रेस सरकार में गुजरात के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत था। यह वही जाति है जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है। ऐसे में इसको लेकर बयान देकर राहुल गांधी द्वारा ओबीसी समुदायों का अपमान किया जा रहा है।

अमीन ने आगे लिखा कि इस मुद्दे पर नासमझी भरा झूठ गढ़ा जा रहा है। यह निर्णय और उसके बाद भारत सरकार की अधिसूचना तब आई, जब नरेंद्र मोदी सीएम बनना तो दूर की बात, सांसद या विधायक भी नहीं थे। उन्होंने लिखा, “मैं राहुल गांधी से मांग करता हूं कि तुरंत अपना झूठ वापस लें। उन्हें ओबीसी को बदनाम करना बंद करना चाहिए और हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति नफरत से भरे होने के लिए गुजरात के लोगों से भी माफी मांगनी चाहिए। इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से राहुल गांधी के इस बयान पर पलटवार किया गया है और बताया गया है कि यह सरासर झूठ है।”

मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पूरे 2 साल पहले 27 अक्टूबर 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था। सरकार की तरफ से ‘राहुल गांधी की स्टेटमेंट पर तथ्य’ शीर्षक से जारी संक्षिप्त नोट में बताया गया है कि नरेंद्र मोदी गुजरात की जिस जाति से आते हैं] वह मोध-घांची जाति सामाजिक और शैक्षिक रूप से ओबीसी कैटेगरी में गुजरात में शामिल है।

भारत सरकार की गुजरात के लिए 105 ओबीसी जातियों की सूची में नरेंद्र मोदी की जाति मोध-घांची भी इसमें शामिल है। मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की, जिसमें इस जाति को इस कैटेगरी में शामिल किया गया था।

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