न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय चयन समिति ने शुक्रवार को अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को 12 जुलाई से वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम से बाहर कर दिया है। जिससे उनका अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर लगभग समाप्त हो गया है। घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन करने वाले यशस्वी जायसवाल और रुतुरात गायकवाड़ को 16 सदस्यीय टीम में शामिल करने के साफ संकेत मिलता है कि शिव सुंदर दास की अध्यक्षता वाला चार सदस्यीय पैनल अब अगले दो वर्ष के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र पर ध्यान लगा रहा है। अजिंक्या रहाणे को फिर से टेस्ट टीम की उप कप्तान की जिम्मेदारी देना महत्वपूर्ण फैसला रहा क्योंकि उन्होंने पिछले ही मैच में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी। मोहम्मद शमी को करीब तीन महीने के व्यस्त प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के बाद टेस्ट और वनडे दोनों में पूर्ण आराम दिया गया है। चयनकर्ताओं ने उमेश यादव को टीम से बाहर कर और मुख्य गेंदबाज मुकेश कुमार को लाकर नए चक्र की तैयारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नवदीप सैनी का करियर आस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक दौरे के बाद डगमगाता रहा है और उन्हें भी इसमें सुधार करने का मौका दिया गया है क्योंकि उनकी गेंदबाजी धीमी कैरेबियाई सरजमीं पर प्रभावी हो सकती है। टीम में पहली बार शामिल किए गये तीन खिलाड़ी डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए स्टैंडबाई खिलाड़ियों में शामिल थे। ये पिछले कुछ सत्र में घरेलू क्रिकेट में लगातार निरंतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
वहीं 17 सदस्यीय वनडे टीम में कोई भी हैरानी भरा चयन नहीं हुआ है। चोटिल जसप्रीत बुमराह,श्रेयस अय्यर और केएल राहुल जब भी फिट होते हैं तो उनका चयन भी निश्चित है जिससे इस 20 खिलाड़ियों के विश्व कप के कोर ग्रुप में होने की पूरी संभावना है। पुजारा के अब वापसी की उम्मीद नहीं दिखती हैं। जब पुजारा को रहाणे के साथ श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज की टीम से बाहर किया गया था तब पूर्व मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने कहा था कि तीसरे नंबर के बल्लेबाज के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं और वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेल कर वापसी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा लेकिन ओवल में दो विफलताओं ने उन पर फैसला तय कर दिया। एसएस दास डव्ल्यूटीसी फाइनल के लिए लंदन में थें उनकी मुख्यम कोच राहुल द्रविड़ से निश्चित रूप से बात हुई होगी और उन्होंने फादनल के बाद होने वाले अपने इस फैसले के बारे में उन्हें बता दिया होगा। पुजारा की बांग्लादेश के खिलाफ 90 और 102 रन की पारियों को हटा दिया जाय तो दिपछले तीन वर्षों में उनका 26 का औसत काफी खराब रहा है और उनके खराब प्रदर्शन काफी लंबे समय तक जारी रहा।