न्यूज डेस्क
यूरोप के कई देश आर्थिक मंदी की मार झेल रहे हैं। इसी सूची में अब एक बड़ा नाम जर्मनी का भी जुड़ गया है। महंगाई का दबाव झेल रही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है। गुरुवार को आए आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली है।
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के संघीय सांख्यिकीय कार्यालय के संशोधित आंकड़ों से पता चलता है कि साल की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर शून्य से 0.3 प्रतिशत नीचे रही। इससे पहले दिसंबर 2022 में समाप्त तिमाही में विकास दर शून्य से 0.5 प्रतिशत कम रही थी। तकनीकी रूप से लगातार दो तिमाहियों में विकास दर शून्य से नीचे रहने पर देश में आर्थिक मंदी मानी जाती है।
अप्रैल में जारी प्रारंभिक अनुमानों में कहा गया था कि साल की पहली तिमाही में विकास दर शून्य पर रही है और यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी आर्थिक मंदी से बाल-बाल बच गया। लेकिन आज जारी संशोधित अनुमान में अर्थव्यवस्था में 0.3 प्रतिशत की गिरावट की बात सामने आई है। डच बैंक आईएनजी के कास्र्टन ब्रजेस्की ने कहा, इसमें कुछ सांख्यिकीय संशोधन हुए, लेकिन अंतत: जर्मन अर्थव्यवस्था में इस सर्दी के मौसम में वही हुआ जिसका डर हमें पिछली गर्मियों से सता रहा था। यह एक तकनीकी मंदी में गिर गई।
गार्जियन के अनुसार, सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेश और निर्माण में वर्ष की शुरुआत में वृद्धि हुई, यह उपभोक्ता खर्च में गिरावट के कारण आंशिक रूप से पटरी से उतरा हुआ था क्योंकि महंगाई के कारण आम परिवार बचत के लिए मजबूर हुए हैं। सांख्यिकी कार्यालय ने कहा, वर्ष की शुरुआत में उच्च मूल्य वृद्धि की निरंतरता जर्मन अर्थव्यवस्था पर बोझ बनी रही।
जर्मनी के लिए बड़ा झटका है ये आंकड़े
ये आंकड़े जर्मनी की सरकार के लिए बड़ा झटका हैं। पिछले महीने ही सरकार ने इस साल के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को दोगुना कर दिया था। सरकार ने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था 0.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। जनवरी में इसके 0.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया थ।