न्यूज़ डेस्क
चीनी रक्षा मंत्रालय ने ताइवान के उप राष्ट्रपति विलियम लाई को उपद्रवी कहते हुए ताइवान पर निशाना साधा है और लगे हाथ अमरीका को भी चेताया है। चीनी रक्षा मंत्री ने अमेरिका को सचेत करते हुए कहा है कि ताइवान उसका आंतरिक मामला है ऐसे में अमेरिका को इस मामले से दूर ही रहना चाहिए। अगर अमेरिका ऐसा नहीं करता है तो हमें मजबूर होकर कोई कदम उठाना पड़ेगा।
दरअसल तावान के साथ अमेरिका के बेहतर सम्बन्ध है और और अमेरिका को एक बड़ा में ताइवान मिल गया है। अमेरिका लगातार ताइवान को मदद भी कर रहा है और चीनी संकट से बचाने की बात भी करता रहा है। उधर तावान भी अमेरिका के ज्यादा नजदीक है और चीन के खिलाफ काम करता रहता है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।
बता दें कि ताइवान के उप राष्ट्रपति विलयम लाई कुछ दिनों से अमेरिका के दौरे पर हैं। कुछ दिनों पहले भी चीन ने इस पर खासी नाराजगी जताई थी। चीन ने लाई के अमेरिकी दौरे को अलगाववादी कदम बताया है। चीन ने इस दौरे पर नाराजगी जताई है। इसकी एक वजह ये भी है कि लाई अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सबसे प्रबल दावेदार हैं। इसलिए चीन की मंशा है कि लाई की अमेरिका से करीबी न बढ़े। और यही वजह है कि चीन लाई को लेकर नाराज है और अमेरिका पर भी निशाना साध रहा है।
चीनी मीडिया के अनुसार, चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने अमेरिका पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ ताइवान का इस्तेमाल करने के प्रयास निश्चित रूप से विफल होंगे। रूस के मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर बोलते हुए ली शांगफू ने कहा कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है। इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप करेगा तो बर्दाश्त नहीं है। ताइवान के साथ चीन को रोकने का प्रयास निसंदेह विफल होगा। चीन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को इसकी निंदा की और ताइवान को उपद्रवी बताया। ली ने कहा कि चीनी सेना विश्व में शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ है। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का लक्ष्य है कि वे अराजकता की दुनिया में वैश्विक सुरक्षा को स्थापित करें।
न्यूयॉर्क में दोपहर के भोजन के बाद उप राष्ट्रपति विलियम लाई ने भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक अस्तित्व पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि ताइवान सुरक्षित है तो दुनिया सुरक्षित है। ताइवान सीमा पर शांति होगी तो वैश्विक पटल पर शांति स्थापित रहेगी। लाई ने कहा कि जाने कितना बड़ा खतरा क्यों न हो, हम न डरेंगे न झुकेंगे। हम लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखेंगे। बता दें, मास्को सम्मलेन में रिकॉर्ड संदेश में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अमेरिका पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका वैश्विक विवादों में आग में घी डालने का काम करता है। वह यूक्रेन का समर्थन करता है।