न्यूज डेस्क
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अब रूस का सस्ता तेल मिलने लगा है। आज पहली बार एक रूसी तेल टैंकर 45000 मीट्रिक टन कच्चा तेल लेकर सीधे कराची पहुंचा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद यह जानकारी दी। शरीफ के मुताबिक, पाकिस्तान ने 20 अप्रैल को रूस से कम कीमत पर कच्चे तेल का पहला बैच खरीदा था। और, अब उसकी डिलीवरी हुई है, इसे रूस-पाकिस्तान संबंधों की नई शुरूआत माना जा रहा है।
पाकिस्तान में जारी महंगाई और तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच उसके लिए यह राहत की बड़ी खबर है। बता दें कि पाकिस्तान भारी कर्ज और लगातार उसकी मुद्रा में आ रही गिरावट से जूझ रहा है। ऐसे में रूस से पहली खेप के रूप में 45 हजार मीट्रिक टन कच्चा तेल सस्ते दामों में मिलना किसी वरदान से कम नहीं है। वहीं यह भारत के लिए बड़ा झटका है क्योंकि रूस और भारत के संबंध मजबूत रहे हैं। हालांकि, चीन के कहने पर अब रूस ने पाकिस्तान को भी कच्चे तेल की खेप भेजी है, जो कि भारत के हितों के लिए चुनौती पेश करने वाली बात है।
रूस का तेल टैंकर पाकिस्तान पहुंचने पर शहबाज शरीफ ने कहा कि मैंने मुल्क से अपना एक और वादा पूरा किया है। आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पहला रूसी तेल कार्गो कराची पहुंच गया है और कल से कच्चे तेल की निकासी शुरू हो जाएगी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह रूस और पाकिस्तान के बीच नए रिश्तों की शुरुआत है। हम समृद्धि, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं।
पाकिस्तान में जारी महंगाई और तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच यह राहत की बड़ी खबर है। बता दें कि पाकिस्तान भारी कर्ज और लगातार उसकी मुद्रा में आ रही गिरावट से जूझ रहा है। ऐसे में रूस से पहली खेप के रूप में 45 हजार मीट्रिक टन कच्चा तेल सस्ते दामों में मिलना किसी वरदान से कम नहीं है। वहीं यह भारत के लिए बड़ा झटका है क्योंकि रूस और भारत के संबंध मजबूत रहे हैं। हालांकि, चीन के कहने पर अब रूस ने पाकिस्तान को भी कच्चे तेल की खेप भेजी है, जो कि भारत के हितों के लिए चुनौती पेश करने वाली बात है।
पाकिस्तान को रूसी तेल सस्ती दरों पर मिलना भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उधर, रूस का कहना है कि चीन या पाकिस्तान के साथ उसकी दोस्ती की तुलना भारत के साथ संबंधों से नहीं की जा सकती है।रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ये कहते रहे हैं कि भारत के साथ रूस का ऐतिहासिक संबंध हैं, जो किसी दूसरे देश के रिश्तों से प्रभावित नहीं होने वाले हैं।