गाजा शांति योजना के पहले चरण के तहत हुए गाजा में युद्धविराम के बाद अब योजना को अंतिम रूप देने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है।यह अंतरराष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन मिस्र के शर्म अल-शेख में सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को आयोजित किया जाएगा।इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य गाजा में युद्ध को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक समझौते को अंतिम रूप देना है।
इस अंतरराष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन को ‘शर्म अल-शेख शांति शिखर सम्मेलन’ के नाम से जाना जाएगा और इस सम्मेलन की संयुक्त अध्यक्षता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी करेंगे।
मिस्र के राष्ट्रपति भवन ने इस अंतरराष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन को लेकर बयान जारी किया है।बयान के मुताबिक, इस महत्वपूर्ण बैठक में 20 से ज्यादा देशों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
भारत सरकार ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था।हालांकि, ट्रंप और सीसी के नेतृत्व में होने वाले मध्य पूर्व शांति सम्मेलन में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करेंगे।
बयान में कहा गया कि यह शिखर सम्मेलन गाजा पट्टी में युद्ध को समाप्त करने, क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के प्रयासों को मजबूत करने और सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत करने का लक्ष्य रखता है।इसमें यह भी कहा गया कि यह बैठक राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापक दृष्टि को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य वैश्विक संघर्षों को खत्म कर विश्व में शांति स्थापित करना है।
मिस्र में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका ने कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साझेदार देशों को आमंत्रण भेजा है। इन देशों में स्पेन, जापान, अजरबैजान, आर्मेनिया, हंगरी, भारत, एल साल्वाडोर, साइप्रस, ग्रीस, बहरीन, कुवैत और कनाडा शामिल हैं. यहां तक कि ईरान को भी सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है, हालांकि इजरायल इस वार्ता में हिस्सा नहीं लेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शेहबाज शरीफ सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को मिस्र में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।