बच्चों को कफ सिरप देने की क्या है सही उम्र? एक्सपर्ट से जानेंभारत एक ऐसा देश है जहां अगर घर में कोई बीमार होता है, तो उसके लिए उसी घर या आसपास आपको तीन-चार लोग सलाह देने वाले मिल जाते हैं कि यह दवा ठीक रहेगी, इस दवा से मेरा या फिर मेरे बच्चे की बीमारी ठीक हो गई थी इसके बाद लोग बिना डॉक्टर की सलाह के उस दवा को खरीद लाते हैं। हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप ने कई लोगों की जान ले ली है. इसमें काफी खतरनाक केमिकल पाए गए थे। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि कफ सिरप देने के लिए बच्चों की सही उम्र क्या है।
कफ सिरप कब देना चाहिए और कब नहीं, यह माता-पिता के लिए बड़ा सवाल रहता है।विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों में दवा का असर और दुष्प्रभाव दोनों तेज हो सकते हैं, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह कफ सिरप देना खतरनाक हो सकता है।अमेरिका की FDA (Food and Drug Administration) के अनुसार, दो साल से कम की उम्र तक के बच्चों को किसी प्रकार की ओवर-द-काउंटर कफ और कोल्ड दवाएं नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट भी होते हैं। भारत सरकार ने हाल ही में सुरक्षा कारणों से 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कुछ कफ सिरप के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। भोपाल स्थित एक सुपरस्पेशलिटी क्लीनिक के पीडियाट्रिशियन डॉ. संजय जैन का कहना है कि ज्यादातर सर्दी और जुकाम के मामले अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। आप शरीर को पर्याप्त आराम देकर और गुनगुना पानी पीकर इसको ठीक कर सकते हैं। सिरप की जरूरत हमेशा नहीं पड़ती है। डॉक्टर का कहना है कि बच्चों को ज्यादातर खांसी एलर्जी के कारण होती है। डॉक्टर का कहना है कि चार साल से छोटे बच्चों को खुद से कभी सिरप न दें।
अगर आपके बच्चे को खांसी की दिक्कत हो, तो पानी पीना, भाप लेना और अगर वह एक साल से बड़ा है, तो शहद देकर इसको ठीक किया जा सकता है। अगर बहुत ज्यादा दिक्कत हो, तभी सिरप या दवा लेनी चाहिए और वे भी डॉक्टर से दिखाकर।अगर सरल शब्दों में कहा जाए, तो छोटे बच्चों में खांसी-जुकाम की समस्या होने पर घरेलू नुस्खों और डॉक्टर की देखरेख पर भरोसा करना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कफ और सर्दी की दवाओं का उपयोग सावधानी से करना चाहिए क्योंकि इन दवाओं के लाभ कम हैं और नुकसान का खतरा अधिक होता है।