विकास कुमार
इजरायल पर हमास के घातक हमले के बाद मोसाद की क्षमता पर सवाल खड़े हो गए हैं। हमास ने इजरायल पर जितना बड़ा हमला किया है, उसने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को आखिर हमास की तैयारियों की भनक तक नहीं लग पाई। यह बात आसानी से हजम नहीं हो रही है। हमास के भीषण हमले के बाद दुनिया की श्रेष्ठ खुफिया एजेंसियों के रूप में मोसाद की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मोसाद ने अतीत में इजरायल के दुश्मनों को दुनियाभर में ढूंढकर मारा।
हमास का हमला, कुछ दिनों की तैयारी का नतीजा नहीं है,इजरायल में एक साथ पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागे गए। आयरन डोम फार्मूला ज्यादा कुछ नहीं कर सका। इजरायल की मजबूत सुरक्षा बाड़ तोड़ दी जाती है। हमास की एयरबॉर्न यूनिट, मोटर पैराग्लाइडर के जरिए सीमा पार कर इजरायल में दाखिल हुए थे। विस्फोटक पदार्थ लेकर ड्रोन की बड़ी खेप से इजराइल के शहरों को निशाना बनाया गया। इतना कुछ हो गया, लेकिन मोसाद को खबर ही नहीं मिली,इससे मोसाद को लेकर कई नए सवाल खड़े हो गए हैं। दुनिया की टॉप खुफिया एजेंसी कही जाने वाली ‘मोसाद’ से आखिर चूक कहां पर हो गई।
सुरक्षा विशेषज्ञ ऐसी संभावना जताते हैं कि मोसाद का ये इंटेलिजेंस फेल्योर, कहीं इंटेलिजेंस इग्नोरेंस तो नहीं था। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रीय सुरक्षा की उपेक्षा की। रक्षा मंत्री और विश्लेषकों की चेतावनियों को भी नजरअंदाज किया गया। सबसे बड़ी बात तो ये है कि गाजा पट्टी के इलाके में एक काल्पनिक इजरायल खड़ा कर दिया जाता है। डेढ़ दो साल से हमास के लड़ाके वहां हमले की प्रैक्टिस करते हैं,ये नियमित अभ्यास भी मोसाद की नजरों से ओझल रहा।
इजरायल का सिक्योरिटी सिस्टम आयरन डोम, जिसकी चर्चा दुनियाभर में होती है,वह पूरी तरह से काम नहीं कर सका। हमास के रॉकेट आते रहे, लेकिन डोम का सुरक्षा कवच उन्हें रोकने में सफल नहीं हो सका। हालांकि कुछ रॉकेट सीमा पर ही गिराए गए, लेकिन अधिकांश रॉकेट, इस्राइल के भीतर जाकर गिरे। मिसाइल रोकने वाला सिस्टम लगा था, लेकिन वह भी उतना कारगर साबित नहीं हुआ। ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर इतना मजबूत सुरक्षा सिस्टम मौके पर क्यों खरा नहीं उतर सका,वह सिस्टम कैसे निष्क्रिय हो गया। हमास के लड़ाके, इस्राइल के अंदर घुस आए और सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उस वक्त तक इजरायल का सिक्योरिटी घेरा सक्रिय नहीं हो सका। ऐसा भी कहा जा रहा है कि हमास के हमले के कई घंटे बाद सिक्योरिटी फोर्सेज सक्रिय हुई थी।
इजरायल के दक्षिणी हिस्से में घुसकर मार काट मचाने लगे,वे वहां तक कैसे पहुंच गए। मोसाद का 360 डिग्री सुरक्षा का दावा कैसे फेल हो गया। इसी तरह की कई चूक हैं, जिन्हें इंटेलिजेंस फेल्योर कम इंटेलिजेंस इग्नोरेंस की नजर से देखा जा रहा है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस्राइल का 360 डिग्री सुरक्षा घेरा, हमास के हमले के दौरान बिखर गया। इजरायली मिलिट्री इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख, मेजर जनरल अमोस याडलिन ने भी हमास के हमले को ‘मोसाद’ की बड़ी नाकामी स्वीकार किया है। अगर मोसाद विफल नहीं होता तो इजराइल एक बड़े त्रासदी को टाल सकता था।