न्यूज डेस्क
इस्राइल ने अमेरिकी चेतावनी और वैश्विक आलोचना को दरकिनार करते हुए मंगलवार को राफा के सिटी सेंटर पर कब्जा कर लिया। लंबे समय से अमेरिका सहित तमाम देश इस्राइल को राफा से दूर रहने की चेतावनी द रहे थे, लेकिन सोमवार को एक कैंप पर हवाई हमले के बाद मंगलवार को राफा के सिटी सेंटर पर इस्राइली टैंक पहुंच गये। इसके साथ ही राफा के अलग अलग हिस्सों में मंगलवार को जमीनी और हवाई दोहरी कार्रवाई में 20 फलिस्तीनियों की मौत हुई है।
इस्राइली कार्रवाई को डावना बताते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि गाजा में कोई सुरक्षित जगह नहीं है। यह आंतक रुकना चाहिए। उन्होंने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को डरावनी कार्रवाई रोकने को कहा। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहले ही चेताया था कि अगर इस्राइल राफा पर धावा बोलने की रेड लाइन पार की तो अमेरिका हथियार नहीं देगा। बहरहाल अमेरिकी राष्ट्रपति की इस चेतावनी को दरकिनार कर इस्राइल ने राफा पर न केवल सोमवार को बड़ा हमला किया बल्कि मंगलवार को सिटी सेंटर पर कब्जा कर हवाई और जमीनी हमले जारी रखे।
इससे पहले सोमवार को राफा में एक कैंप पर हुए इस्राइली हमले में 45 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले को दुखद हादसा बताते हुए मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। वहीं, बाइडन प्रशासन ने कहा है कि इस्राइल को हमले सटीक करने चाहिए, जिनमें नागरिकों को न्यूनतम नुकसान पहुंचे। पिछले वर्ष सात अक्तूबर को हमास के बर्बर हमले के बाद शुरू हुई इस्राइली कार्रवाई में अब तक 36 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। इस्राइली डिफेंस फोर्स के मुताबिक, इनमें से करीब 12 हजार हमास आतंकी हैं।
इस बीच तीन यूरोपीय देशों स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड ने अपनी-अपनी संसदों के जरिये फलस्तीन को संप्रभु राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का एलान किया है। इन देशों की मान्यता के साथ संयुक्त राष्ट्र के सदस्य 193 देशों में से अब 140 देश स्वतंत्र-संप्रभु फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दे चुके हैं। हालांकि, डेनमार्क की संसद ने फलस्तीन को मान्यता देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। संयुक्त राष्ट्र फलस्तीन शरणार्थी एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के मुताबिक, बीते तीन सप्ताह के भीतर राफा से 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।