दुनिया में सबसे घने जंगलों और सबसे बड़े नदी बेसिन वाले देश ब्राजील में मजदूरों पर बड़ा जुल्म होता है. विदेशियों को अच्छा मेहनताना और खाना देने का वादा करके यहां के शहरों तक लाया जाता है और फिर उनसे गुलामी कराई जाती है. बिना कोई ब्रेक दिए उनसे घंटों काम कराया जाता है, खाना या मेहनताना मांगने पर बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता है. बिजली के झटके तक दिए जाते हैं.
यहां मजदूरों की दयनीय स्थिति के बारे में कंपकपा देने वाला खुलासा तब हुआ जब ‘शराब कांड’ की शिकायतों पर सरकार ने कार्रवाई शुरू कराई. इसे वैश्विक मीडिया ने ‘ब्राजील शराब कांड’ के रूप में कवर किया. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी ब्राजील में 200 से ज्यादा लोगों को गुलामी के चंगुल से छुड़ाया गया, तो उनमें से कई ने आपबीती बताई. उत्तर-पूर्वी शहर सेल्वाडोर में रहने वाले नीको ने कहा कि ब्राजील के बेंटो गोंकाल्वेस में शराब फैक्ट्री संचालकों द्वारा बड़ी तादाद में लोगों को ‘बंधुआ’ मजदूर बनाकर रखा जाता है और उनका शोषण किया जाता है.
मुफ़्त में रहने-खाने के साथ अच्छे वेतन का वादा
मजदूर नीको, जो हाल ही में शराब फैक्ट्री संचालकों के चंगुल से छूटे थे, उन्होंने बताया, ”मुझे कुछ लोगों संपर्क किया, उन्होंने कहा कि उन्हें कामगार चाहिए हैं, जिन्हें मुफ़्त में रहने की सुविधा और खाने के साथ हर दो महीने पर 770 दिए जाएंगे. ऐसे देश में जहां महीने की न्यूनतम मज़दूरी 250 डॉलर है, उसके मुक़ाबले इतनी ज्यादा रकम देने का वादा करना हमारे लिए खुशी की बात थी. तो मैंने 47 कामगारों को इकट्ठा करने और उन्हें सेल्वाडोर से हजारों किलोमीटर दूर ब्राजील के शराब के इलाके बेंटो गोंकाल्वेस ले जाने में मदद की.”
‘फ़ेनिक्स सर्विसेज’ में मजदूरों पर ढाए जुल्म
नीको बोले, ‘बेंटो गोंकाल्वेस पहुंचने पर हमें लगा कि हमारा नसीब जाग गया है, जो हमको अच्छा काम मिला. लेकिन यह मौका एक बुरे सपने जैसा हो गया. ‘फ़ेनिक्स सर्विसेज’ (वो कंपनी जहां शोषण किया गया) में हमें बिना आराम दिए काम पर भेज दिया गया, और फिर जमकर उत्पीड़न किया गया. यदि सरकार को भनक नहीं लगती तो वहां इसी तरह हम पर जुल्म होते रहते.’
60,000 लोगों को गुलामी से बचाया गया
ब्राजीलियन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि ब्राज़ील की तीन बड़ी शराब निर्माता कंपनियों ऑरोरा, गैरीबाल्डी और सैलटन के लिए ‘फ़ेनिक्स सर्विसेज’ ही मजदूर मुहैया कराती है. ऐसा यहां पर बहुत-से ठेकेदार कर रहे हैं. एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1995 से ब्राजील में 60,000 लोगों को गुलामी से बचाया गया है. और, ये आंकड़े ब्राजील के श्रम मंत्रालय ने ही जारी किए.