विकास कुमार
दुनिया की महाशक्ति चीन इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही हैं चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रेंड दिवालिया हो गई है। वहीं चीन के एक बड़े बैंक ने भी डिफॉल्ट होने की जानकारी दी है। दुनिया की फैक्ट्री और आर्थिक महाशक्ति कहे जाने वाले चीन का दिया बुझता नजर आ रहा है। आर्थिक सुस्ती के बीच चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी चाइना एवरग्रेंड के दिवालिया होने से देश में कोहराम मच गया है। इस दिग्गज कंपनी ने अमेरिका के एक कोर्ट में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। गौरतलब है कि पिछले साल एवरग्रेंड के डिफॉल्ट करने के बाद से वहां के रियल एस्टेट सेक्टर के ढहने की शुरुआत हो गई थी लेकिन अब इसके दिवालिया होने के बाद चीन में मानो हाहाकार मच गया है।
एवरग्रेंड दुनिया में सबसे ज्यादा कर्ज वाली रियल एस्टेट कंपनी है,इस कंपनी पर तीन सौ 30 अरब डॉलर का कर्ज है। एवरग्रेंड ने 2021 के अंत में कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट किया था।एवरग्रेंड के साथ ही इसकी सहयोगी कंपनी तियानजी होल्डिंग्स ने भी बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने अमेरिका की अदालत से बैंकरप्सी कोड के चैप्टर 15 के तहत राहत की मांग की है। इससे क्रेडिटर्स कंपनी के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते हैं और न ही उसके एसेट्स को अटैच कर सकते हैं।
चीन में रियल एस्टेट सेक्टर को अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ माना जाता है, लेकिन बीते कई साल से वहां रियल एस्टेट सेक्टर कमजोर मांग से जूझ रहा हैं। चीन में कई शहर खाली पड़ी गगनचुंबी इमारतों से अटे पड़े हैं। ये घोस्ट टाउन वहां की रियल एस्टेट सेक्टर की बदहाली के सिंबल बन गए हैं।
ऐसे में ये सवाल उठता है कि चीन के रियल एस्टेट सेक्टर में ये संकट कैसे पैदा हुआ। दरअसल रियल एस्टेट सेक्टर का विकास तब होता है जब लोगों के पास खरीदने की ज्यादा शक्ति होती है। चीन में कोरोना काल के दौरान से ही सरकारी नौकरियों में भारी कटौती हुई है,वहीं प्राइवेट सेक्टर को भी बड़ा धक्का लगा है,क्योंकि अमेरिका और यूरोप चीनी प्रोडक्ट लेने से इनकार रहे हैं। इससे शेनझेन निर्यात क्षेत्र में काम कर रही प्राइवेट कंपनियों पर धड़ाधड़ ताले लग रहे हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आक्रामक रवैये की वजह से अमेरिका और यूरोपीय देशों ने चीन से खुद को डिकपल कर लिया है। अगर जिनपिंग का यही रवैया जारी रहा तो आने वाले वक्त में चीन में आर्थिक संकट और भी गहरा सकता है।