न्यूज डेस्क
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बार-बार लोन का मुंह देख रहे पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। आईएमएफ के बाद अब वैश्विक रेटिंग्स एजेंसी फिच ने पाकिस्तान की रेटिंग गिरा दी है। फिच रेटिंग्स ने पाकिस्तान की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) को ‘CCC प्लस’ से घटाकर ‘CCC माइनस’ कर दिया है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि पाकिस्तान की खराब नीतियों के कारण उसकी विदेशी मुद्रा पर दबाव बढ़ गया है। साथ ही उसकी नकद मुद्रा काफी तेजी से खत्म होती जा रही है।
फिच ने कहा कि रेटिंग का डाउनग्रेड होना बाहरी लिक्विडिटी और फंडिंग की स्थिति में तेज गिरावट को दर्शाता है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल के दिनों में बड़ी गिरावट देखी गई है। फिच में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गिरता हुआ भंडार, बड़े पैमाने पर गिरावट, चालू खाता घाटा (सीएडी), बाहरी ऋण और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के फॉरेन रिजर्व को देखते हुए स्थिति बहुत सुखद नहीं लग रही है, विशेष रूप से 2022 की चौथी तिमाही में।
रेटिंग एजेंसी ने कहा उम्मीद है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार निम्न स्तर पर रहेगा। हालांकि अनुमानित करेंसी फ्लो और हाल ही में विनिमय दर कैप को हटाने के कारण वित्त वर्ष 2023 के बाकी महीनों में सुधार होने की गुंजाइश बनी हुई है। फिच ने कहा कि उसे उम्मीद है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर लेगा।
वहीं दूसरी और नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने आईएमएफ की शर्तें भारी पड़ने लगी हैं। अधिकारियों और विश्लेषकों का कहना है कि आर्थिक तंगी और एटमी हथियार से लैस पाकिस्तान अब इस माह 170 अरब रुपये का नया टैक्स लगाने जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि नए कर से देश में मुद्रास्फीति और ज्यादा बढ़ जाएगी।