न्यूज डेस्क
देश की राजधानी दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश,पंजाब सहित पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण से हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में लगातार घना स्मॉग छाया हुआ था। स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उत्तर भारत के अन्य राज्यों और मध्य भारत की स्थिति एनसीआर के मुकाबले कुछ ठीक कही जा सकती है पर, हर जगह हवा की गुणवत्ता सामान्य से ज्यादा खराब रही। एनसीआर में ग्रैप-4 के प्रतिबंंध लागू होने का असर महसूस नहीं हुआ। ज्यादातर स्थानों पर वायु गुणवत्ता का स्तर (औसत एक्यूआइ लेवल) 494 पाया गया।
दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचे एक्यूआई को देखते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली को कृत्रिम बारिश की जरूरत है। हमने इसकी तैयारी अगस्त में ही शुरू कर दी थी ताकि हम दिल्ली के लोगों को इस आपातकालीन स्थिति से बचा सकें। मैंने कृत्रिम बारिश के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पहला पत्र 30 अगस्त को भेजा था लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद दूसरा लेटर 10 अक्टूबर को भेजा था लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं आया और अब तीसरा 23 अक्टूबर को भेजा गया लेकिन अभी भी उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। हमने उनसे वर्चुअली भी अपील की लेकिन कुछ नहीं हुआ। लगातर केंद्र से अपील करने के बाद भी एक मीटिंग बुलाने की फुर्सत नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि वो मीटिंग नहीं बुलाना चाहते हैं तो उन्हें इसका समाधान निकालना चाहिए और अगर वो समाधान नहीं निकाल सकते हैं तो आपातकालीन मीटिंग बुलाएं।
घने कोहरे की मोटी चादर पंजाब, हरियाणा से लेकर राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मुंबई तक छाई रही। इससे दृश्यता कम हुई और विमानों व ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ा। कई ट्रेनें देर से चल रही हैं। दिल्ली में ग्रैप-4 को असरदार तरीके से लागू करने और प्रतिबंधित वाहनों को राजधानी में प्रवेश से रोकने के लिए पुलिस ने रात भर पहरेदारी की। मौसम विभाग ने दो दिन तक सात राज्यों दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है।