नई दिल्ली: मकर संक्रांति वैसे हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस बार मकर सक्रांति को लेकर लोग असमंजस की स्थिति में हैं,पंचांग के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व उदयातिथि के अनुसार रविवार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। पंचांग के मुताबिक इस बार खरमास 16 दिसंबर 2022 को शुरू हुआ था। इसके शुरू होते ही शादी-विवाह तिलक, गृह प्रवेश, मुंडन समेत सभी प्रकार के शुभ कार्य बंद हो गए थे। अब इसके खत्म होते ही ये सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे।
दरअसल सूर्य शनिवार 14 जनवरी रात्रि 08:21 पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 07:15 से 12:30 तक रहेगा और महापुण्य काल मुहूर्त 07:15 से 09:15 तक रहेगा। पंचांग के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी की देर रात धनु राशि से मकर राशि में गोचर करेंगे। मकर संक्रांति के दिन सुकर्मा और धृति योग बन रहे हैं। इस दिन प्रात:काल से ही सुकर्मा योग प्रारंभ रहेगा, जो दिन में 11 बजकर 51 मिनट तक होगा। उसके बाद से धृति योग प्रारंभ होगा। ये दोनों ही योग शुभ माने जाते हैं। इस योग में सभी प्रकार के शुभ कार्य किये जा सकते हैं।
मकर सक्रांति पूजा विधान
मकर संक्रांति के दिन प्रातः काल स्नान करने का धार्मिक महत्व है। इस दिन लोग गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं। अगर ऐसा करना संभव नही होता है तो लोग स्नान के पानी में ही गंगाजल डालकर उससे स्नान करते हैं। भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ किया जाता है। सूर्य भगवान को नमस्कार कर तिल सहित जल अर्पण किया जाता हैं।
दान का है बहुत महत्व
इस दिन जरूरतमंद व गरीबों को दान इत्यादि करने से 10 अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। तथा समस्त सुखों को भोगने के बाद बैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस दिन का विशेष महत्व है, इस दिन से मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है। मकर संक्रांति के दिन गुड़ और तिल मिठाई खाने के साथ ही खिचड़ी बनाने और खाने की परंपरा भी है। मकर संक्रांति को लोहड़ी, उत्तरायण, खिचड़ी, टिहरी, पोंगल आदि नामों से भी जाना जाता है।
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का है बड़ा महत्व
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में उड़द की दाल को शनिदेव से जोड़ा गया है। ऐसे में इस दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाकर दान करने से सूर्य देव और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही चावल को चंद्रमा, नमक को शुक्र, हल्दी को देवगुरु बृहष्पति, हरी सब्जियों को बुध माना जाता है। वहीं मंगल का संबंध गर्मी से है। इसलिए मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से कुंडली में सभी तरह के ग्रहों की स्थिति में सुधार होता है।
जनवरी 2023 के शुभ विवाह मुहूर्त
जनवरी 2023 के 15 ,17, 19 और 26 जनवरी को शादी का लग्न है। 26 जनवरी ज्यादा अच्छा है, इस दिन सरस्वती पूजा भी है। इसके अलावा 30 और 31 जनवरी को भी लग्न का दिन है।
जनवरी 2023 गृह प्रवेश मुहूर्त
25 जनवरी,26 जनवरी,27 जनवरी और 30 जनवरी को गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त हैं।