न्यूज़ डेस्क
विनेश फोगट ने जो बयान दिया है वह भारत के लिए किसी कलंक से कम नहीं। अगर खिलाडियों के साथ यौन शोषण की कहानी सामने आती है तो फिर आगे की बात ही क्या की जा सकती है। खेल में यौन शोषण की बात हालांकि अक्सर सामने आती है। लेकिन जिस तरह से फोगट ने कहा है वह दिल दहलाने वाला है। अगर खिलाडियों के साथ ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में शायद ही कोई महिला खिलाड़ी मैडल जीतने का प्रयास कर सके।
तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकीं भारतीय की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने आज 18 जनवरी को कहा कि कोच महिला पहलवानों को प्रताड़ित कर रहे हैं और फेडरेशन के चहेते कुछ कोच महिला कोचों के साथ भी बदसलूकी करते हैं। वे लड़कियों (महिला पहलवानों) का यौन उत्पीड़न करते हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने भी कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया है।
विनेश फोगाट ने कहा, टोक्यो ओलंपिक में हार के बाद ब्रजभूषण शरण सिंह ने मुझे ‘खोटा सिक्का’ कहा था। डब्ल्यूएफआई ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। मैं हर दिन आत्महत्या करने के बारे में सोचती थी। अगर किसी पहलवान को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष की ही होगी।
फोगट ने मानसिक उत्पीड़न के लिए सांसद ब्रजभूषण सिंह का भी नाम लिया है। क्या सांसद को इस तरह की बातें करनी चाहिए ! क्या कोई नेता चुनाव हार जाता है तो उसके साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाता है ?
जिस तरह से चुनाव में हार जीत होती रहती है ठीक उसी तरह खेल में भी हार जीत संभव है। लेकिन हार के बाद उत्पीड़न की बात कही से भी जायज नहीं माना जा सकता। और सबसे ज्यादा आपत्ति की बात यौन शोषण की है। फोगट को ऐसे लोगों का नाम खुलासा करना चाहिए ताकि देश और समाज के सामने ऐसे लोगो की पहचान हो सके और उसे दण्डित भी किया जा सके।