वैभव सूर्यवंशी, क्रिकेट की दुनिया में आज वैसा नाम है, जिसकी आतिशी बल्लेबाजी ने लोगों की हैरानगी काफी बढ़ा
दी है। आईपीएल 2025 के 47 वें मैच में गुजरात टाइटंस के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए वैभव ने केवल 35 गेंद पर ही शतक जड़ दिया। लेकिन उनकी उम्र का जलवा ही है, जिसने सारी खलबली मचा दी है। वैभव ने केवल 14 साल 23 दिन की उम्र में डेब्यू करने के बाद अपने तीसरे ही मैच में गुजरात के दिग्गज बल्लेबाजों की अच्छे से खबर ली।उन्होंने अपनी 38 गेंद और 101 रन की पारी में 7 चौके और 11 छक्के लगाकर भविष्य की दस्तक दे दी है।इस नायाब हीरे को तराशने में राहुल द्रविड़ का बड़ा हाथ माना जा रह है, हालांकि वैभव को खोजने वाले द्रविड़ नहीं बल्कि वीवीएस लक्ष्मण थे।
वैभव सूर्यवंशी ने पिछले साल सुर्खियाँ बटोरीं जब उन्हें i रॉयल्स ने आईपीएल 2025 की नीलामी में ₹1.10 करोड़ में खरीदा। 14 वर्षीय इस बल्लेबाज को टूर्नामेंट की शुरुआत में ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन कप्तान संजू सैमसन की चोट ने वैभव को प्लेइंग इलेवन में जगह दी। युवा बल्लेबाज ने इस मौके को दोनों हाथों से लपक लिया शुरुआती दो मैचों में बेहतरीन पारियों के बाद उन्होंने सोमवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ शानदार शतक जड़ा। हालांकि बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने वैभव सूर्यवंशी के करियर में अहम भूमिका निभाई है।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज की मुलाकात लक्ष्मण से बीसीसीआई अंडर-19 वनडे चैलेंजर टूर्नामेंट में हुई थी, जब उन्होंने बिहार के इंटर-डिस्ट्रिक्ट सीनियर टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था।
वी वी एस लक्ष्मण ने वैभव की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ एक क्वाड्रैंगुलर सीरीज में शामिल किया था।हालांकि, इन मुकाबलों में एक मैच में खराब प्रदर्शन के बाद वैभव काफी निराश हो गए और रोने लगे। पिछले साल द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में वैभव के कोच मनोज झा ने खुलासा किया कि लक्ष्मण ने उस समय वैभव को कैसे सांत्वना दी थी।उन्होंने कहा कि अंडर 19 सीरीज के एक मैच में वैभव 36 रन बनाकर रन आउट हो गया था और इसके बाद वह ड्रेसिंग रूम में रोने लगा।जब लक्ष्मण ने उसे ऐसा करते देखा, तो वह उसके पास आए और कहा कि हम यहां सिर्फ रन नहीं देखते, हम उस खिलाड़ी को देखते हैं जिसमें लंबे समय तक टिकने की क्षमता हो।लक्ष्मण ने उसकी प्रतिभा को बहुत जल्दी पहचान लिया।बीसीसीआई ने भी उस पर भरोसा जताया है।
राजस्थान रॉयल्स की ओर से ओपनिंग करते हुए गुजरात की ओर से तय किए गए 210 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए वैभव की आक्रामक बल्लेबाजी ने इस चुनौती को बेहद आसान बना दिया और राजस्थान ने 12 ओवर से पहले ही 150 रन पार कर लिए।हालांकि वैभव 101 रन पर आउट हो गए, लेकिन उनकी आतिशी पारी ने राजस्थान को जीत के नजदीक पहुंचा दिया।यशस्वी जायसवाल के 70 रन और अंत में रियान पराग के 32 रनों की बदौलत राजस्थान रॉयल्स ने यह मुकाबला बेहद आसानी से 15.5 ओवर में ही 8 विकेट से जीत लिया।