न्यूज डेस्क
भारतीय टीम ने बांग्लादेश को दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट में 280 रन से मात दी। इस तरह भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ रनों के हिसाब से सबसे बड़ी जीत दर्ज की। चेन्नई टेस्ट जीतने के साथ ही टीम इंडिया ने एक इतिहास भी रच दिया। ये बांग्लादेश पर भारत की 13वीं जीत है। चेन्नई टेस्ट भारत ने बांग्लादेश के सामने जीत के लिए 515 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में बांग्लादेश की टीम दूसरी पारी में 234 रन ही बना सकी और मुकाबला हार गई। भारत की ओर से दूसरी पारी में अश्विन सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 6 विकेट चटकाए। बांग्लादेश का आखिरी विकेट रवींद्र जडेजा ने गिराया। दोनों टीमों के बीच अब दूसरा और आखिरी टेस्ट कानपुर में खेला जाएगा।
इस मुकाबले में जीत के लिए 515 रन का पीछा करते हुए बांग्लादेश की दूसरी पारी 234 रन पर सिमट गयी। बांग्लादेश के लिए कप्तान नजमुल हसन शंटो ने सबसे ज्यादा 82 रन का योगदान दिया। भारत के लिए रविचंद्रन अश्विन ने छह जबकि रविंद्र जडेजा ने तीन विकेट चटकाये। बांग्लादेश ने दिन की शुरुआत चार विकेट पर 158 रन से आगे से करते हुए पहले सत्र के अंदर 76 रन जोड़ कर बाकी बचे छह विकेट गंवा दिये।
भारत ने इस मैच की पहली पारी में अश्विन (113) और जडेजा (86) के बीच सातवें विकेट के लिए 199 रन की साझेदारी के दम पर 376 रन बनाने के बाद बांग्लादेश की पहली पारी को 149 रन पर समेट दिया था। भारत ने अपनी दूसरी पारी चार विकेट पर 287 रन बनाकर घोषित की थी। टीम के लिए शुभमन गिल ने नाबाद 119 जबकि टेस्ट में वापसी कर रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने 109 रन का योगदान दिया था।
पहली पारी में विकेट लेने में नाकाम रहने वाले अश्विन दूसरी पारी में टीम के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दूसरी पारी में 6 विकेट लिए। चेन्नई टेस्ट में शतक और 6 विकेट लेने के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। अश्विन के अलावा दूसरी इनिंग में जडेजा दूसरे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 3 विकेट चटकाए।
92 साल के इतिहास में पहली बार भारत ने टेस्ट क्रिकेट में हार से ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड कायम किया। रोहित ब्रिगेड ने 580 मैचों से चले आ रहे सिलसिले को तोड़ा। टीम इंडिया ने टेस्ट में अब हार से ज्यादा जीतने वाले वाले मैच का रिकॉर्ड बनाया। 1932 के बाद से अब तक भारत ने कुल 580 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उसे 179 टेस्ट मैच में जीत मिली है, जबकि 178 टेस्ट मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा। 222 मैच ड्रॉ रहे हैं और एक मैच टाई रहा है। इस तरह भारत के 92 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार अपने हारे हुए मैचों से ज्यादा संख्या में टेस्ट मैच जीते हैं।