नई दिल्ली: भारत के नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी 21 साल के लक्ष्य सेन,उनके परिवार और पूर्व राष्ट्रीय कोच विमल कुमार पर उम्र संबंधी धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कराया गया है। एम गोविअप्पा नागराजा द्वारा बेंगलुरू में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रमंडल खेलों के मौजूदा चैंपिययन ने अपने भाई चिराग सेन के साथ 2010 से आयुवर्ग के टूर्नामेंट खेलने के लिए अपनी उम्र मं हेराफेरी की थी। लक्ष्य ने इसी साल बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। उन्हें बीते 30 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया था।
लक्ष्य पर लगा है फर्जी तरीके से बर्थ सर्टिफिकेट बनाने का आरोप
बेंगलुरु में बैडमिंटन अकादमी चला रहे नगराजा की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में नागराजा का कहना है कि 2010 में लक्ष्य के कोच और उनके माता-पिता ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया था। इस कारण लक्ष्य उम्र ज्यादा होने के बावजूद अलग-अलग एज ग्रुप में खेल पाए। बर्थ सर्टिफिकेट के मुताबिक, लक्ष्य सेन का जन्म 2001 में हुआ जबकि नागराजा का कहना है कि वह 1998 में पैदा हुए है। केस में आईपीसी की धारा 420, 468 (फर्जीवाड़ा) और 471 (फर्जी रिकॉर्ड) शामिल है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।
लक्ष्य सेन के कोच विमल कुमार ने आरोपों को किया खारिज
लक्ष्य सेन के कोच विमल कुमार ने इन आरोपों को खारिज किया है। 21 साल के लक्ष्य सेन पिछले 12 सालों से प्रकाश पादुकोण अकेडमी में ट्रेनिंग कर रहे हैं। विमल कुमार ने आरोपों पर कहा कि मैं नहीं जानता कि शिकायत करने वाले ने क्या आरोप लगाए हैं। मेरा इसमें कोई रोल नहीं है। लक्ष्य साल 2010 में मेरी अकेडमी में आया और मैंने उसे बाकी बच्चों की तरह ही ट्रेन किया। मैंने यह जरूर सुना था कि कोई मेरी और अकेडमी की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहा है लेकिन हमपर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।