न्यूज डेस्क
भारत विश्व चैंपियन बन गया है। सांसों को थामने वाले फाइनल में रोहित शर्मा की टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराकर 13 साल से चले विश्चविजेता की ट्रॉफी के सूखे को खत्म कर दिया। भारत अंतिम बार 2011 में वनडे विश्वकप जीता था। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बाद दूसरी बार टी20 विश्वकप जीतने वाला तीसरा देश बन गया है। यह वनडे और टी20 को मिलाकर भारत का चौथा विश्वकप खिताब है।
हैनरिक क्लासेन के विकेट पर रहते एक समय यूं लगा कि भारत के हाथ से एक बार फिर विश्वकप खिसक रहा है। दक्षिण अफ्रीका को 30 गेंद में 30 रन चाहिए थे। यहां से बुमराह, अर्शदीप और हार्दिक पांड्या की तिकड़ी ने अंतिम पांच ओवर में 22 रन बनने दिये। हार्दिक पांड्या के अंतिम ओवर में दक्षिण अफ्रीका 16 रन नहीं बना पाया। विश्वकप जीतते ही कप्तान रोहित शर्मा मैदान पर ही लेटकर फूट फूटकर रोने लगे। पूरी टीम पर भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
विराट हों, हार्दिक या अन्य खिलाड़ी सभी की आंखों में आंसू थे। हो भी क्यों नहीं रोहित टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे विश्वकप के फाइनल में हार के बाद विश्व विजेता कप्तान बन गये हैं और गुरु राहुल द्रविड को उनकी गुरु दक्षिणा मिल गयी। 34 रन पर तीन विकेट गिरने के बाद विराट कोहली के 76 रन अक्षर पटेल के 47 रन की बदौलत भारत ने सात विकेट के नुकसान पर 176 रन बनाये और हार्दिक पांड्या के तीन विकेट 20 देकर, बुमराह के दो विकेट 18 रन देकर और अर्शदीप के दो विकेट 20 रन की बदौलत दक्षिण अफ्रीका को 8 विकेट पर 169 पर रोक दिया।
इससे भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 176 रन बनाए पूर्व कप्तान विराट कोहली ने सर्वाधिक 76 रन और पांचवे नंबर पर बल्लेबाजी करने आये अक्षर पटेल ने 47 रन की पारी खेलकर 72 रन की साझेदारी की।
भारत की इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम इंडिया को बधाई देते हुए कहा कि टीम भारत को इस भव्य विजय के लिए सभी देशवासियों की तरफ से बहुत बहुत बधाई। आज 140 करोड़ देशवासी आपके शानदार प्रदर्शन के लिए गर्व अनुभव कर रहे हैं। खेले के मैदान में आपने विश्वकप जीता लेकिन हिंदुस्तान के हर गांव गली मुहल्ले में आपने कोटि कोटि देशवासियों का दिल जीत लिया। ये टूर्नामेंट किसी विशेष कारण से भी याद रखा जाएगा। इतने सारे देश इतनी सारी टीमें और एक मैच नहीं हारना। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। आपने क्रिकेट जगत के हर महारथी की गेंद खेली है। एक के बाद एक विजय की परंपरा ने न सिर्फ आपके हौसले को बुलंद कर दिया बल्कि इस पूरी टूर्नामेंट को भी रोचक बना दिया। मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई।