न्यूज डेस्क
विपक्षी पार्टियों ने अपने हिसाब से अब बजट पर प्रतिक्रियाएं दी है। विपक्ष की अपनी राजनीति है।लेकिन सत्ता पक्ष ने इस बजाय के जरिए चुनावी एजेंडा को सेट कर दिया है। इस बजट में वैसे किसी को कोई सीधा लाभ नहीं है लेकिन बहुत कुछ जोन की संभावना दिख रही है। चारो तरफ फिलगुड जैसा वातावरण तैयार कर दिया गया है। गांव गांव तक इस बजट की मुनादी होगी और बीजेपी इसका लाभ लेगी ऐसा माना जा रहा है।
विपक्ष बजट को अपने नजरिए से देख रहा है ।बसपा की सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार के चुनाव से पहले के आखिरी बजट को धोखा बताया है। उनका कहना है कि पहले से ही देश की पूंजी कुछ लोगों के हाथों में सिमट गई है। सरकार ने बजट से उनके हाथ और ज्यादा मजबूत कर दिए हैं। आम जनता की जेब पूरी तरह से खाली है। उनका कहना था कि इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं है। पिछले साल की कमियां सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है। जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?
मायावती का कहना है कि पिछले 9 सालों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही। लेकिन वो सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोअर मिडिल क्लास बन गया। उनका कहना था कि बजट सत्र के पहले दिन केंद्र की बातों में 100 करोड़ से अधिक जनता को राहत देने के लिए कुछ खास नहीं है। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी से त्रस्त जनता की सान्त्वना व शान्ति के लिए इसमें बहुत ही कम चीजें हैं। लोग सुखी होंगे तभी देश बढ़ेगा।
मायावती ने कहा कि सरकार को याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं। बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर। उनका कहना था कि सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं। ये लोग ही असली भारत हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो।
उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट पर कहा है, “भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी? भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं, निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।”
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, न किसान, न जवान, न नौजवान. बजट में किसी के लिए नहीं कोई प्रावधान। अमृत काल में अमृत के लिए तरस रहा है आम इंसान. पूंजीपतियों की लूट हुई आसान।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि इसमें गरीबों के लिए कुछ नही है मनरेगा की बात नही है और रोजगार को लेकर कोई बातें नही है हालांकि बातो से उम्मीद जग रही है ।