न्यूज़ डेस्क
अगले साल के लोकसभा चुनाव में किसको क्या मिलेगा इसकी भविष्यवाणी भला कौन कर सकता है। लोकतंत्र में जनता ही जब राजा है तब उसी पर यह सब छोड़ देना चाहिए। यह सच है कि ऊपर से हम सभी देश के नागरिक जरूर हैं लेकिन भीतर से हम कई गुटों ,दलों ,जाति ,धर्म ,भाषा ,पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं या उसकी नीतियों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। यह लोकतंत्र की खूबी है और हमारे देश की विशेषता भी। इन्ही आतंरिक मतभेद को देखते हुए सर्वे एजेंसिया लोगों की राय लेती रहती है कि लोगों की चाहत किस पार्टी ,किस नेता और किस गठबंधन के प्रति ज्यादा है या फिर कम।
2024 में भले ही आम चुनाव हों लेकिन उसकी तैयारी अभी से ही शुरू है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसी साल के अंत में पांच राज्यों में होने हैं। इन राज्यों के चुनाव परिणाम बहुत हद तक लोकसभा चुनाव में जनता के मूड को दर्शा सकते हैं। और इसी को ध्यान में रखकर ही सर्वे भी किये जा रहे हैं। दरअसल अगले में दो बड़े गठबंधन आपस में टकराने को तैयार है। एक बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए है, जिसमें कुल 38 दल हैं। जबकि दूसरी एकजूट होकर बनाई गई विपक्षी की इंडिया अलायंस है, जिसमें कांग्रेस, टीएमसी समेत 26 विपक्षी पार्टी शामिल है। इस बीच इंडिया टुडे सी-वोटर ने लोकसभा सीटों के साथ विपक्ष की इंडिया गठबंधन नाम रखने को लेकर एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों ने बताया कि यह 2024 में कितना कारगर साबित होगा?
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इंडिया टुडे का यह सर्वे 15 जुलाई से 14 अगस्त के बीच किया गया है। जिसमें कुल 25,951 प्रभावशाली मतदाताओं ने अपनी राय दी है। सीटों को लेकर आए ओपिनियन पोल के मुताबिक, एनडीए गठबंधन को 306 सीटें और इंडिया अलायंस को 193 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि आंकड़ों के मुताबिक दोनों अलायंस के बीच केवल दो फीसदी का अंतर रहने की बात सामने आई है। एनडीए को 43 फीसदी और इंडिया अलायंस को 41 फीसदी वोट शेयर मिले हैं।
विपक्ष की ओर से गठबंधन का नाम इंडिया रखने के फैसले को लेकर सर्वे किया गया। जिसमें लोगों से इंडिया नाम को लेकर ओपिनियन मांगा गया कि क्या 2024 के चुनाव में ये नाम लोगों को आकर्षित करेगा? क्या ये नाम विपक्ष को वोट दिलाएंगे? इस पर लोगों ने अपना मत दिया है। इंडिया टुडे सी-वोटर सर्वे के मुताबिक, सबसे अधिक 39 फीसदी लोगों का मानना है कि इंडिया नाम से विपक्षी गठबंधन को वोट जुटाएगा। जबकि 30 फीसदी लोगों ने कहा कि इंडिया नाम से वोट नहीं मिलने वाला है. वहीं 18 फीसदी लोगों का मानना है कि इंडिया नाम न आकर्षित करेगा और न वोट दिलाएंगे।
अब आप ही बताये कि सर्वे के क्या मायने हैं ? सबसे बड़ी बात तो यही है कि इस सर्वे को ही साही माना जाए तो इंडिया गठबंधन को बड़ा लाभ मिलता दिख रहा है। जिस तरह से लोगों ने उसे पसंद किया है वह बीजेपी के लिए किसी खतरे से कम नहीं।