अखिलेश अखिल
वैसे तो बीजेपी के भीतर भी इस बात की चर्चा खूब चल रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव समय से पहले ही हो सकते हैं। नीतीश कुमार ने भी नालंदा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि हो सकता है कि चुनाव समय से पहले हो जाए। वे लोग कुछ भी कर सकते हैं। नीतीश के इस बयान के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
बीजेपी के भी कई रणनीतिकार भी मानते हैं कि जिस तरह के सर्वे रिपोर्ट आ रहे हैं उसे देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव पहले भी हो सकता है। बता दें आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मार्च -अप्रैल में होने हैं लेकिन जस तरह से बीजेपी घिरती दिख रही है ऐसे में इस बात की सम्भावना बढ़ गई है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव भी पांच राज्यों के चुनाव के साथ ही करा ले। पांच राज्यों के चुनाव इसी साल के नवंम्बर -दिसंबर में होने हैं। खबर यह भी आ रही है कि जिन राज्यों में 2024 के अंत तक चुनाव होने हैं वहां भी एक साथ ही चुनाव कराये जा सकते हैं। कभी प्रधानमंत्री मोदी ने नारा दिया था वन नेशन वन इलेक्शन। अगर कुछ राज्यों के चुनाव के साथ ही लोकसभा चनाव होते हैं तो आने वाले कुछ सालों में एक समय ऐसा भी आएगा जब सभी राज्यों के चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ कराये जा सकते है।
हालांकि इस पैटर्न के भी कई खामियां हो सकते हैं और फिर लोकतंत्र में सरकार बनती जरूर हैं लेकिन गिरती भी है। कभी संविधान के नियमो के आधार पर किसी बह राज्य सरकार को ख़त्म किया जाता है तो कभी नेताओं की खरीद बिक्री करके सरकार को गिरा दी जाती है। ठीक वैसे ही जैसे अभी कुछ सालों के भीतर चार पांच राज्यों में किया गया।
खैर ये सब बातें अपनी जगह हो सकती है। लेकिन बीजेपी के भीतर जो सुगबुगाहट है वह यह है कि जिस तरह के सर्वे अभी दिख रहे हैं उसमे बीजेपी को कुछ लाभ होता दिख रहा है। लेकिन यही लाभ आगे आने वाले दिनों में भी हो सकते हैं ऐसा संभव नहीं। जब इंडिया गठबंधन पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी तो बीजेपी की परेशानी भी बढ़ेगी। इस बात की जानकारी भी बीजेपी को है। ऐसे में बीजेपी की भी चाहत हो सकती है कि वह समय से पहले चुनाव करा ले।
एक बार फिर से नीतीश के बयानों पर चर्चा की जरूरत है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कह दिया है कि चुनाव कभी भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि चुनाव समय पर हो, केंद्र वाले पहले भी कर सकते हैं। यह बात हम सात-आठ महीने से कह रहे हैं कि यह लोग पहले भी लोकसभा चुनाव कर सकते हैं।
वहीं जातीय गणना को लेकर केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हलफनामा दायर करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों ने जाति आधारित गणना की बात कही थी ,जनगणना कराना केंद्र का काम है। जातीय गणना का करीब-करीब काम पूरा हो गया है। हम लोग बराबर यह मांग कर रहे थे। जब केंद्र ने नहीं किया तब हमने बिहार में शुरू करवाया। नीतीश कुमार ने कहा कि जाति गणना के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति का भी जायजा लिया जा रहा है। हर जाति के विकास के लिए काम किया जाएगा. हम लोग राज्य के विकास के लिए जातीय गणना करवा रहे हैं। इंडिया गठबंधन की मुंबई में होने वाली बैठक पर नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने पहले ही कह दिया है कि मुझे कोई पद नहीं चाहिए। मेरी व्यक्तिगत कोई इच्छा नहीं है। हमारा मकसद है कि सब लोग एकजुट हों।


- Advertisement -