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बिहार एनडीए में सीट बंटवारा का मामला फंसता जा रहा है। बीजेपी ने महाराष्ट्र ,यूपी के साथ ही दक्षिण के राज्यों में सीट शेयरिंग का मामला भले ही सुलझा लिया है लेकिन बिहार में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।सूत्रों के मुताबिक लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच की तकरार के कारण एनडीए में सीट बंटवारे में लगातार देरी हो रही है, जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए चिराग पासवान और पशुपति पारस को मिलाकर छह सीट देने की बात कर रही है, लेकिन दोनों ने इस ऑफर को मानने से इनकार कर दिया। चिराग पासवान और पशुपति के बीच चल रही अदावत जगजाहिर है। रामविलास पासवान के निधन के बाद दोनों के बीच का रिश्ता काफी ख़राब हो चुका है।
चिराग ने एनडीए से मांग है कि 2019 में लोक जनशक्ति पार्टी के 6 सांसद जीते थे तो उसी हिसाब से आगामी लोकसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी की दावेदारी 6 सीटों पर है। वहीं दूसरी तरफ उनके चाचा पशुपति का दावा है कि वर्तमान में लोग जनशक्ति पार्टी के छह में से पांच सांसद अब उनके साथ है और उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का हिस्सा है तो ऐसे में उनकी दावेदारी भी 6 सीटों पर बनती है।
28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वापस एनडीए में आ जाने के बाद सीट बंटवारे का मामला चिराग पासवान के लिए ज्यादा गड़बड़ा गया है। खबर है कि चिराग पासवान पासवान एनडीए से नाराज हैं और इसकी झलक तब दिखी थी जब पीएम मोदी के बिहार दौरे के दौरान उन्होंने कार्यक्रम से दूरी बनाई।
अब चिराग के नाराजगी का फायदा महागठबंधन उठाने की कोशिश कर रही और उन पर डोरे डाल रही है। बिहार की विपक्षी पार्टियां इस ताक में है कि कैसे भी कर के चिराग बिहार महागठबंधन का हिस्सा बन जाए।
सूत्रों के मुताबिक खुद को पीएम मोदी के हनुमान कहने वाले चिराग पासवान को बिहार महागठबंधन में शामिल होने के लिए आठ लोकसभा सीट देने का और उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीट देने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि, चिराग की तरफ से महागठबंधन के इस ऑफर पर क्या रुख है, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।ऐसे में अगर एनडीए में उन्हें मन मुताबिक सीट नहीं मिलती है तो महागठबंधन ने उनके लिए दरवाजा खोल दिया है।