Homeदेशक्या पूर्वोत्तर में ममता विपक्षी राजनीति का खेल बिगाड़ देगी ?

क्या पूर्वोत्तर में ममता विपक्षी राजनीति का खेल बिगाड़ देगी ?

Published on

न्यूज़ डेस्क
राजनीति में कोई किसी का दोस्त या दुश्मन नहीं होता। सब अपने मुताबिक खेल करते हैं और सबकी अपनी चाहत भी होती है। देश के भीतर अभी बीजेपी के खिलाफ सभी पार्टियां बात तो जरूर करती है लेकिन चुनावी पैतरेबाजी ऐसी होती है कि उसका लाभ बीजेपी उठा लेती है। पूर्वोत्तर में अभी कुछ यही दिख रहा है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरे दम खम के साथ पूर्वोत्तर के राज्यों में चुनाव लड़ती दिख रही है लेकिन उसकी जो रणनीति है उसमे विपक्ष को कम बीजेपी को लाभ होता दिख रहा है। यही वजह है कि स्थानीय लोग भी कहने लगे हैं कि ममता की मौजूदा राजनीति विपक्ष को कमजोर करेगी और बीजेपी को लाभ पहुंचाएगी।

अभी पूर्वोत्तर में ममता  ऐसी राजनीति कर रही हैं, जिससे भाजपा को सीधा फायदा होगा। बंगाल की राजनीति में बहुसंख्यक मतदाताओं को पूरी तरह से भाजपा के साथ जाने से रोकने या किसी और दबाव के कारण उन्होंने पिछले कुछ समय से भाजपा के प्रति बहुत सद्भाव दिखाया है। ऐसा लग रहा है कि उसकी अगली कड़ी पूर्वोत्तर की राजनीति में दिख रही है। तभी सवाल है कि क्या ममता भी वैसी ही राजनीति कर रही हैं, जैसी पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश में मायावती ने किया है? लोग मानते हैं कि गोवा में भी ममता की मौजूदगी का लाभ बीजेपी को मिला था और यही हाल पूर्वोत्तर के चुनावी राज्यों में हुआ तो बीजेपी आगे निकल सकती है। बीजेपी भी मौन होकर आगे काम कर रही है।

ममता बनर्जी ने मेघालय का दौरा किया है और सभी सीटों पर पूरी ताकत से लड़ने का ऐलान किया है। राज्य में 27 फरवरी को चुनाव होना है। वहां कांग्रेस छोड़ कर आए पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा की कमान में तृणमूल चुनाव लड़ेगी। मुख्यमंत्री कोनरेड संगमा ने सहयोगी पार्टी भाजपा के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। सो, एनपीपी और भाजपा दोनों सभी सीटों पर लड़ रहे हैं। इनके अलावा कांग्रेस भी सभी सीटों पर लड़ रही है। इस चारकोणीय मुकाबले में भाजपा को फायदा हो सकता है।

इसी तरह त्रिपुरा में इस बार भाजपा घिरती दिख रही है। सीपीएम और कांग्रेस ने तालमेल कर लिया है। इसका जवाब देने के लिए भाजपा किसी तरह से प्रद्योत देबबर्मा की तिपरा मोथा के साथ तालमेल के प्रयास कर रही है। इस बीच ममता बनर्जी अपनी अलग राजनीति कर रही हैं। उनके सांसद राजीब बनर्जी और सुष्मिता देब ने त्रिपुरा में डेरा डाला है। तृणमूल को जो भी वोट मिलेगा उसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। अब ममता यह सब जानबूझकर कर रही है या फिर अपने लाभ के वह जो भी खेल करती जा रही है उसमे बीजेपी को लाभ मिलता जा रहा है ,कहा नहीं जा सकता।

Latest articles

1983 से 2025 तक टीम इंडिया ने कितनी बार जीती है आईसीसी ट्रॉफी,

भारत ने रविवार को दुबई में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी...

पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक,बलूच लिबरेशन आर्मी ने 450 यात्रियों को बनाया बंधक, 6 सैन्यकर्मियों की मौत

पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा बोलन में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर...

गोविंदा ने 18 करोड़ में ऑफर हुई इस हॉलीवुड फिल्म को ठुकराया

गोविंदा इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं।पिछले दिनों उनके उनकी...

आईपीएल में शराबऔर तंबाकू के विज्ञापन पर केंद्र ने उठाया बड़ा कदम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईपीएल 2025 से पहले इंडियन प्रीमियर लीग को एक महत्वपूर्ण...

More like this

1983 से 2025 तक टीम इंडिया ने कितनी बार जीती है आईसीसी ट्रॉफी,

भारत ने रविवार को दुबई में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी...

पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक,बलूच लिबरेशन आर्मी ने 450 यात्रियों को बनाया बंधक, 6 सैन्यकर्मियों की मौत

पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा बोलन में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर...

गोविंदा ने 18 करोड़ में ऑफर हुई इस हॉलीवुड फिल्म को ठुकराया

गोविंदा इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं।पिछले दिनों उनके उनकी...