अखिलेश अखिल
बीजेपी ने एक रणनीति के तहत विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिल्ली में जन सम्पर्क अभियान की जिम्मेदारी है। जयशंकर पार्टी और सकरकार को आगे बढ़ा भी रहे हैं। ऐसे में अब माना जा रहा है कि जयशंकर को दिल्ली की किसी भी सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। जयशंकर अभी राज्य सभा के सदस्य हैं। उनकी सदस्यता गुजरात से है। इस बार गुजरात से तीन राज्यसभा सदस्य के कार्यकाल पुरे हो रहे है। पहले यह माना जा रहा था कि गुजरात से ही फिर वे चुने जा सकते हैं लेकिन दिल्ली जनसम्पर्क अभियान की जिम्मेदारी दी गई है उसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि जयशंकर को बीजेपी दिल्ली के चुनाव लड़ा सकती है।
मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने जन जागरण अभियान शुरू किया है। 30 जून तक चलने वाले इस जनजागरण अभियान में देश के अलग-अलग शहरों महानगरों गांव नगर और तहसीलों में बड़े नेताओं के प्रवास के कार्यक्रम तय किए गए हैं। इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिल्ली में जन जागरण अभियान के दौरान जनता के बीच में उतारा गया है। पार्टी की नीति के मुताबिक एस जयशंकर केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए न सिर्फ लोगों से मुलाकात कर रहे हैं बल्कि उनके बीच जाकर मोदी सरकार के किए गए कामों के बारे में चर्चा भी कर रहे हैं। सियासी जानकार भी मानते हैं कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को पहली दफा जनता के बीच में सीधे तौर पर डोर टू डोर अभियान के लिए मैदान में उतारा गया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के दिल्ली प्रवास कार्यक्रम को लेकर बीजेपी ने बहुत मजबूती से तैयारियां की हैं। बीजेपी के ऐसे कार्यक्रमों की रणनीति बनाने वाले एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि क्योंकि एस जयशंकर की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। इसलिए जो कार्यक्रम तैयार किया गया उसमें वह सब कुछ शामिल था जिससे वह जनता से सीधे जुड़ सकें। यही वजह रही कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साउथ कैंपस के आर्यभट्ट कॉलेज में दिल्ली विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों, अधिकारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की और कार्यक्रम को संबोधित भी किया।
अब सियासी गलियारों में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर के लिए दिल्ली सियासी तौर पर मुफीद हो सकती है या नहीं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विदेश मंत्री जैसे बड़े मंत्रालय को संभालने वाले बड़े नेता एस जयशंकर के लिए दिल्ली मुफीद क्यों नहीं हो सकती। वैसे भी राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी प्रयोग के तौर पर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बदलती भी है। ऐसे में अगर विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिल्ली की किसी लोकसभा सीट से टिकट मिलता है तो इसमें कोई हैरानी जैसी बात नहीं होगी।
सियासी जानकारों का मानना है बीते कुछ समय में जिस तरह विदेश नीति में बदलाव दिखा है उसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी दिया जा रहा है। विदेशी मामलों के जानकारों का कहना हैं कि यूक्रेन में फंसे हुए छात्रों को वापस लाने के लिए चलाया गया ऑपरेशन गंगा हो या श्रीलंका में बदहाल हालातों में फंसे भारतीयों को मदद पहुंचाने की प्रक्रिया, अफगानिस्तान में सत्ता बदलने के बाद भारतीय पक्ष को मजबूती के साथ रखने का मामला हो या फिर अमेरिका, रूस और ब्रिटेन जैसे देशों से राजनयिक रिश्तों की बेहतरी के साथ ही जी- 20 के सफल आयोजन की तैयारियां, हर मोर्चे पर जयशंकर ने बेहतर काम किया है।
2024 में लोकसभा के चुनावों में इस बार कुछ दिल्ली की सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने की सुगबुगाहट हो रही है। सूत्र के मुताबिक इनमें से जिन सीटों के टिकट बदले जाने हैं उन लोकसभा के प्रत्याशियों इसका आभास भी है। यही वजह है कि नए प्रत्याशियों की तलाश भी बीजेपी उतनी ही शिद्दत से कर रही है। संभव हो कि जयशंकर नए में फिट बैठ रहे हों।