Homeदेशक्या छत्तीसगढ़ में फंस जाएगी कांग्रेस ?

क्या छत्तीसगढ़ में फंस जाएगी कांग्रेस ?

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न्यूज़ डेस्क 

कहने को तो छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के पक्ष में बयार बाह रही है लेकिन सच यही नहीं है। सच प्रदेश कांग्रेस को पता है और यह सच कॉंग्रेस्स के आला नेताओं के लिए किसी सिर दर्द से कम नहीं। पार्टी के सभी बड़े नेता चाहते हैं कि इस बार भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बने लेकिन चाहने भर से क्या होगा। हालिया जानकारी मिल रही है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बघेल सरकार को एंटी इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ रहा है और अगरठीक से इसे टैकल नहीं किया गया तो बीजेपी कांग्रेस को मात भी दे सकती है।          
           सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए कांग्रेस ने 22 विधायकों के टिकट काटे हैं। भाजपा ने भी दो विधायकों के टिकट काटते हुए 50 सीटों पर चेहरे बदले हैं। नतीजतन घोर असंतुष्ट क्षेत्रीय दलों के खेमे में जा बैठे हैं तो कुछ निर्दलीय मैदान में हैं। भाजपा ने बेमेतरा में सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए युवक के पिता को कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ टिकट देकर हिंदुत्व की पिच पर खेलने की मंशा साफ कर दी है। धर्मांतरण के मुद्दे पर हिंदू मतदाताओं को खींचने की कोशिश की है। राम वनगमन पथ का निर्माण कराकर कांग्रेस भी खुद को हिंदुत्व का रक्षक बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। 
  छतीसगढ के चुनाव में बीजेपी के अपने दावे है और अपने खेल भी। बीजेपी जनता के बीच कई बातों को रख रही है।  शराब और कोयला घोटाले में ईडी ने हाल ही बड़ी कार्रवाई की थी। सीएम की करीबी आईएएस अफसर रानू साहू की गिरफ्तारी भी हुई। राज्य लोकसेवा आयोग में नेताओं-अफसरों के रिश्तेदारों के चयन को तूल देकर युवाओं में संदेश दिया जा रहा है कि ये उनके हक पर डाका है।
      इसके साथ ही बीजेपी हिंदुत्व का कार्ड भी खेल रही है। साजा सीट से ईश्वर साहू को प्रत्याशी बनाया। बिरनपुर में हिंसा में दूसरे समुदाय के लोगों ने ईश्वर के बेटे भुनेश्वर की हत्या कर दी थी। जनसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने घटना का जिक्र कर मुद्दे को और बड़ा किया।इतना ही नहीं बीजेपी धर्मान्तरण का मुद्दा भी उठा रही है। भाजपा बस्तर, जशपुर और रायगढ़ में पिछड़ा वर्ग और आदिवासियों के धर्मांतरण के मुद्दे को भी उठा रही है। इन इलाकों में बड़ी संख्या में आदिवासियों ने ईसाई धर्म अपना लिया है।   
उधर सत्तारूढ़ कांग्रेस कई बातो को लेकर जनता के बीच पहुँच गई है। विरोधी लहर थामने के लिए कांग्रेस ने 22 विधायकों के टिकट काटे हैं। मुख्यमंत्री बघेल किसान कर्ज माफी जारी रखने का एलान कर चुके हैं। राहुल गांधी ने भी पीजी तक सरकारी संस्थानों में निशुल्क शिक्षा की घोषणा कर दी।इसके साथ ही कांग्रेस का फोकस गरीब और किसानो पर भी है।  संकल्प पत्र में किसानों और ग्रामीणों की आय बढ़ाने जैसी घोषणाएं भी शामिल हो सकती हैं। टिकट कटने से नुकसान से बचने के लिए सीएम बघेल प्रत्याशियों का नामांकन कराने पहुंच रहे हैं। कोई इसे एका बता रहा है तो अन्य दूसरे छत्रपों के लिए कड़ा संदेश।
                   छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है। बस्तर में बघेल ने कहा कि भाजपा के पास केवल दो मुद्दे हैं- साम्प्रदायिकता और धर्म परिवर्तन। उनका काम दो समुदाय के भाइयों को आपस में लड़ना है। वे काम नहीं करेंगे बस लोगों को आपस में लड़ाएंगे और वोट बटोरेंगे। उनके दिमाग में बस नफरत और हिंसा ही पलती है।

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