न्यूज़ डेस्क
नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। यह उनकी 9 वी पारी होगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उप मुख्यमंत्री बनाने की बात है। जाहिर है नीतीश पर नकेल लगाने के लिए एक कुशवाहा और एक भूमिहार नेता को नीतीश के दाएं बाएं खड़ा कर दिया गया है। लेकिन बड़ी बात तो यह है कि नीतीश जो करते डिझ रहे हैं क्या वही सफल होंगे ? क्या विपक्ष कुछ नहीं कर सकेगा ? ऐसा अभी संभव भी है। विपक्ष के पास अभी कोई अंक गणित नहीं भी हो लेकिन एनडीए के चिराग पासवान ,उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ही अब नीतीश के लिए कांटे बनकर उभर सकते हैं।
दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान से मुलाकात की। इस बैैठक में चिराग ने नीतीश को लेकर अपनी राय रखी। चिराग के अलावा बिहार के पूर्व जीतनराम मांझी ने भी अपनी शर्तें रखी है। फिलहाल बयानबाजियां, बैठकों के दौर और कयासों का सिलसिला लगातार जारी है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार के सीएम बनने से पहले अपनी राय रखी है। सूत्रों के अनुसार लोजपा (रामविलास) पार्टी चाहती है कि बिहार में एनडीए का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बने। उसके आधार पर ही सरकार चलनी चाहिए। चिराग सिर्फ नीतीश कुमार के साथ निश्चय के आधार पर सरकार चलाये जाने के पक्ष में नहीं हैं। चिराग ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि बीजेपी बड़ी पार्टी ऐसे में उनको अपनी सीटे एडजस्ट करना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की वापसी से पहले अपनी शर्त रख दी है। बताया जा रहा है कि मांझी के चार विधायक हैं और उन्होंने 2 मंत्री पद मांगे हैं। मांझी चाहते है कि नई सरकार में उनके दो मंत्री हम के हों। हालांकि अभी तक इस पर किसी का अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को भी नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है। कुशवाहा का कहना है कि सहयोगी दलों के मन में नीतीश को लेकर संशय है। बीजेपी को विश्वास पैदा करना होगा। उन्होंने लोकसभा चुनाव में 3 सीटों की मांग की है।