Homeदेशक्या दिल्ली में आप और कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ?

क्या दिल्ली में आप और कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ?

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अखिलेश अखिल 

वैसे तो आप और कांग्रेस के बीच छतीस का आंकड़ा है लेकिन मज़बूरी में ही सही  कुछ शर्तों के साथ अगला कोसभा चुनाव लड़ने को तैयार है। यह बात भी सच है कि दिल्ली कांग्रेस इकाई आप के साथ गठबंधन करने को तैयार नहीं है लेकिन गठबंधन की मज़बूरी है कि दोनों साथ चले। केजरीवाल से मिलने आज नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे। हैं   बात हुई है इसकी जानकारी अभी   सूत्रों से मिल रही जानकारी के  मुताबिक दिल्ली की सात सीटों पर कांग्रेस और  चल रही खींचतान को सुलझाने के लिए नीतीश कुमार कोई नया फार्मूला ताऊ कर सकते हैं।      
बता दें  कि दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें है और अभी इन सभी  सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा है। मजे की बात है कि पार्टी आप लगातार दो बार से दिल्ली विधान सभा चुनाव तो जीत रही है लेकिन लोकसभा चनाव में वह पीछे रह जाती है। उधर कांग्रेस की तो जमीन ही खिसक चुकी है। आप पार्टी ने कांग्रेस की पूरी जमीन को लगभग अपने पाले में कर लिया है। कांग्रेस  की  यही सबसे बड़ी चिंता है। वैसे अंदरखाने में इस  बात की भी चर्चा चल रही कि आप चार सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और  तीन सीट कांग्रेस को देने को तैयार है। लेकिन कांग्रेस पांच सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेस  की एक और परेशानी है। आप की सरकार दिल्ली और पंजाब में भी है। कांग्रेस इन दोनों जगहों पर समझौता करने को तैयार है लेकिन आप कई और  राज्यों में भी कांग्रेस  से हिस्सेदारी मांग सकती है। कांग्रेस इसी वजह से अभी कोई बड़ा फैसला नहीं ले रही है।              
  दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के साथ आज अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीटिंग की है।  इस बैठक से दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने अपने पत्ते तो नहीं खोले, लेकिन पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दिल्ली सेवा बिल पर कांग्रेस का रुख सैद्धांतिक था। ये कि किसी व्यक्ति के समर्थन में नहीं था। बैठक में राहुल गांधी ने नेताओं से मिल कर काम करने, लोगों के बीच जाने और पार्टी लाइन के मुताबिक बयान देने की नसीहत दी।  वहीं खरगे ने दलित और मुस्लिम वोटरों को साधने के निर्देश दिए हैं।              गठबंधन का फैसला दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है। सूत्रों का मानना है कि आप के साथ गठबंधन की पूरी संभावना है, लेकिन अंदरखाने बात तय होने से पहले कांग्रेस जल्दबाजी नहीं करना चाहती। 
             इस साल के आखिऱ में होने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में आप के रुख को लेकर भी कांग्रेस नजर बनाए हुए हैं। सवाल ये भी कि क्या केजरीवाल दिल्ली और पंजाब के बाहर भी कांग्रेस से सीटें मांगेंगे? कुल मिलाकर भले ही केजरीवाल विपक्षी गठबंधन  ‘इंडिया’ में शामिल हैं, लेकिन कांग्रेस इसको लेकर फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। 

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