न्यूज़ डेस्क
गजब का खेल इस देश में चल रहा है। जब नाम कमाने की बात आती है तो सरकार और सरकार के लोग अपनी तस्वीर किसी भी योजना के साथ चस्पा करके जनता के बीच नाम कनामे का खेल करती है लेकिन जैसे ही कोई बुरी खबर आती है टी नेता लोग अपनी तस्वीर को हटाने लगते हैं। अब यही बात कोविड 19 प्रमाण पात्र के साथ ही होता दिख रहा है।
कोविडशिल्ड के बारे में जैसे ही देश और दुनिया में इस दुष्परिणाम की खबरे आयी है ,भारत सरकार और बीजेपी के लोग कोविड प्रमाणपत्र से पीएम मोदी की तस्वीर को हटाने लगे हैं। कोविन प्रमाणपत्र से पीएम मोदी की तस्वीर को अब हटा दिया गया है। इससे पहले हर प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर थी और वह कोरोना को ‘एक साथ मिलकर, भारत COVID-19 को हरा देगा’ का संकल्प कराते भी नजर आते थे।
गौरतलब है कि कोविशील्ड को एस्ट्राजेनेका के साथ लाइसेंसिंग समझौते के तहत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित किया गया था। भारत में बड़े पैमाने पर यह वैक्सीन लोगों को लगाई गई थी लेकिन इसके दुष्परिणाम की खबर आते ही चौक चौबारे से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा हो रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के बीच इसका प्रभाव न पड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रमाण पत्र से हटा ली गई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के कारण ऐसा किया गया है। अब सवाल यह है कि आखिर जब यह आचार संहिता लागू की गई थी तो तुरंत ही क्यों नहीं किया गया। दो चरण का चुनाव बीत गया इसके बाद यह कदम उठाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा ने पहले ही हटा दी थी। यहां जारी किए जाने वाले कोविड वैक्सीन प्रमाणपत्र पर 2022 से ही फोटो नहीं है। उस समय इन सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव थे। इसके कारण फिर सभी राज्यों में यह प्रकिया अपनाई गई।