न्यूज़ डेस्क
ओडिशा में एक महिला के साथ जो हुआ है उसके बाद ओडिशा की बीजेपी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। एक वकील महिला के साथ थाने के भीतर वह सब किया गया जो कानून और सत्ता सरकार को कठघरे में खड़ा करने के लिए काफी है। यह मामला यान उत्पीड़न का है।
विपक्षी दल बीजेडी के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने कहा कि अब राज्य में महिलाएं पुलिस थानों के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं। इससे पहले नवीन पटनायक ने इस मामले की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और न्यायिक जांच की मांग की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि, यह दुखद है कि भुवनेश्वर में पुलिस थानों के अंदर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और राजभवन में सरकारी कर्मचारियों की पिटाई की जाती है। ऐसा लगता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज बची ही नहीं है।
नवीन पटनायक का यह बयान 15 सितंबर की उस घटना के संदर्भ में है, जिसमें भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक सेना अधिकारी को कथित रूप से प्रताड़ित किया गया था और उसकी मंगेतर के साथ यौन उत्पीड़न किया था। इससे पहले ओडिशा के राज्यपाल के बेटे द्वारा ड्यूटी पर तैनात एक सरकारी कर्मचारी के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी।
ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने शनिवार को बीजद अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ को संबोधित किया। उन्होंने पार्टी नेताओं से लोगों को बीजेपी के “झूठे” चुनावी वादों के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया है।
बीजेडी लगातार दावा कर रही है कि भाजपा मतदाताओं से किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। पार्टी ने दावा किया कि बीजेपी ने राज्य की सभी महिलाओं को दो साल के भीतर 50,000 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन भाजपा ने कई महिलाओं को इस अवसर से वंचित कर दिया। बीजेपी सिर्फ 21 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को सुभद्रा योजना के लाभार्थियों के रूप में चुना रही है।
पटनायक ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया कि वे जनता को भाजपा के “झूठ” के बारे में बताएं। जिसमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 3,500 रुपये वृद्धावस्था पेंशन का वादा किया गया है। उन्होंने लोगों के बीच इन मुद्दों को लगातार उठाने के लिए कहा है।