Homeदेशआखिर संघ की भाषा क्यों बोल रहे हैं गुलाम नबी आजाद ?

आखिर संघ की भाषा क्यों बोल रहे हैं गुलाम नबी आजाद ?

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न्यूज़ डेस्क 

सोशल मीडिया पर कांग्रेस के पूर्व नेता और डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद का एक वीडिओ सामने आया है जिसकी काफी चर्चा हो रही है। वायरल वीडियो में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद को भारत में धर्मों के ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में बात करते हुए देखा और सुना जा सकता है।    
         उन्होंने इस वीडियो में कहा “इस देश में हर कोई हिंदू के रूप में ही पैदा हुआ है। इस्लाम लगभग 1500 साल पहले उभरा, जबकि हिंदू धर्म अत्यंत प्राचीन है। कुछ मुसलमान बाहरी मूल से आए होंगे और मुगल सेना में सेवा की होगी। इसके बाद भारत में लोग हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हो गए।” बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भगवत भी लगभग यही कुछ बातें देश के सामने रखते रहे हैं। माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी के साथ आजाद चुनावी लड़ाई को आगे बढ़ा सकते हैं। अब देखना ये है कि आजाद का यह संदेश जम्मू कश्मीर के लोग क्या कुछ सोंचते  है। लेकिन उन्होंने जो बात कही है वह काफी असरदार है।            
     इसी भाषण में गुलाम नबी आजाद में आगे कहा “एक प्रमुख उदाहरण कश्मीर में देखा गया है, जहां 600 साल पहले लोगों के इस्लाम में परिवर्तित होने से पहले आबादी मुख्य रूप से कश्मीरी पंडितों की थी। यह मुझे इस बात की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है कि सभी शुरू में हिंदू विरासत के साथ पैदा हुए हैं। चाहे हिंदू, मुस्लिम, राजपूत, ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी या गुज्जर हों हम सभी इस मातृभूमि का हिस्सा हैं। हमारी जड़ें इस भूमि में हैं।”
                   गुलाम नबी आजाद ने राजनीति से धर्म को जोड़ने वाले नेताओं को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा,”राजनीति में जो मजहब धर्म का सहारा लेता है, वह कमजोर है। जिसको खुद पर विश्वास होगा, वो मजहब का सहारा नहीं लेगा। जो सही आदमी है, वह यह बताएगा कि मैं आगे क्या करूंगा, कैसे डेवलपमेंट लाऊंगा। लेकिन जो कमजोर है, वह यही कहेगा कि मैं हिंदू हूं या मुसलमान हूं। इसलिए मुझे वोट दो।”
                     आजाद ने आगे कहा, “हम कहीं बाहर से नहीं आए हैं। इसी मिट्टी की पैदावार हैं। इस मिट्टी में ही खाक होना है। बीजेपी के किसी नेता ने कहा कि कोई बाहर से आया है, कोई अंदर से आया है। मैंने उनसे कहा कि अंदर-बाहर से कोई नहीं आया है। हिंदुओं में जलाया जाता है। इसके बाद अवशेष दरिया में डाल देते हैं। वह पानी अलग-अलग जगह जाता है। खेतों में भी जाता है यानी हमारे पेट में चला जाता है।”

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