अखिलेश अखिल
हाजीपुर से कौन लड़ेगा इसको लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग के बीच जंग जारी है। दोनों के अपने दावे हैं और अपने तर्क भी। हाजीपुर से अभी पारस सांसद है जबकि चिराग जमुई से सांसद हैं। पारस भी बीजेपी के सात है और चिराग तो बीजेपी के हनुमान ही खुद को मानते हैं। यह हनुमान वे क्यों बने हुए हुए यह कोई नहीं जानता ! उनकी पिता की राजनीति से बिहार भी कायल था और देश भी। वे हमेशा सच को बोलने से नहीं कतराते थे। वे सबके साथ थे और किसी के साथ नहीं। राजनीति को पढ़ लेते थे और राजनीति को भांप भी लेते थे। इसलिए देश की राजनीति में उन्हें राजनीति का मौसम विज्ञानी भी कहा जाता था। लेकिन वे चले गए तो उनकी राजनीति भी चली गई। अब चाचा और भतीजा ही बिहार को भ्रमित किये हुए हैं। छोटी पार्टी होते हुए भी बड़े हौसले हैं इनके। चाचा भी उड़ रहे हैं और भतीजा भी उसी राह पर हैं। जाती की राजनीति जबतक च्गलगी इस तरह की राजनीति आगे बढ़ती रहेगी।
हाजीपुर को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी बीजेपी की बढ़ी हुई है। पारस भी हाजीपुर से ही लड़ना चाहते हैं। वे यहाँ के मौजूदा सांसद भी हैं। और चिराग भी हाजीपुर से लड़ना चाहते हैं। उनका तर्क है कि हाजीपुर उनके पिता की सीट रही है। कोई भी इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं। लेकिन सैक तो यही है कि यह सीट भी इस बार पासवान बंधुओं के पास रह पायेगी या नहीं कोई नहीं जानता।
मंगलवार को हाजीपुर के सांसद और रैलोजपा प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि वह चिराग पासवान के साथ नहीं आएंगे, क्योंकि जब दिल टूटता है तो फिर नहीं जुड़ता। पारस ने कहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी चाहे, तो चिराग पासवान को एनडीए में शामिल कर सकती है।
पारस ने कहा, “मैंने यह नहीं कहा कि उन्होंने (चिराग पासवान) सबके सामने यह कहा है (हमारे खून में फर्क है). हम कभी साथ नहीं आएंगे। दल टूटता है तो जुड़ता है पर दिल टूटता है तो नहीं जुड़ता। मैंने भाजपा से कहा कि अगर आप चाहें तो चिराग पासवान को गठबंधन में जोड़ सकते हैं, लेकिन मैं चिराग पासवान को दल में नहीं मिलाऊंगा, दिल में नहीं मिलाऊंगा।
दरअसल, चाचा-भतीजे हाजीपुर सीट को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। हालांकि, एनडीए की बैठक में चिराग ने जब चाचा पशुपति के पैर छुए तो ऐसा माना जा रहा था कि चाचा-भतीजे की बीच की दूरियां खत्म हो गई हैं। गौरतलब है कि हाल ही में पशुपति पारस ने हाजीपुर से लड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि मैं हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूंगा, मेरे अलावा यहां से कौन चुनाव लड़ेगा।
इसके बाद चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोक दिया और कहा कि मैं इस सीट पर इसलिए दावा कर रहा हूं, क्योंकि मैंने गठबंधन में शामिल होने से पहले इस पर बात की थी। आज अगर मैं ऐसा बोल रहा हूं तो गठबंधन ने मुझे अधिकार दिया है। बता दें कि हाजीपुर पार्टी की पारंपरिक सीट मानी जाती है।