न्यूज़ डेस्क
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जिसे जाटलैंड भी कहा जाता है में राज्य की मांग होने लगी है। जैसे -जैसे लोकसभा के चुनाव नजदीक आने लगे हैं देश का यह हरित इलाका एक बात अलग राज्य की मांग को लेकर सरकार को घेर सकता है। इन इलाकों के लोग अब कह रहे हैं बिना राज्य बने इस इलाके का विकास संभव नहीं। अब लखनऊ से कुछ नहीं होने वाला। रविवार को मेरठ में अंतरराष्ट्रीय जाट सम्मलेन का आयोजन हुआ और सम्मलेन में सभी वक्ताओं ने एक साथ इस बात पर सहमति जताई है कि वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग को आगे बढ़ाने की जरूरत है। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटू राम और राजा महेंद्र सिंह को भारत रत्न दिए जाने तथा देश के नए संसद भवन में महाराजा सूरजमल का स्मारक लगाए जाने की भी मांग की गई।
जाट संसद में वेस्ट यूपी को एक अलग राज्य बनाने का मुद्दा भी उठाया गया साथ ही जाट केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण, बेगम पुल रैपिड स्टेशन का नाम चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखने की मांग की गई। इस सम्मेलन में सभी पार्टियों के जाट समाज के जन प्रतिनिधि शामिल हुए। उनके अलावा वर्तमान और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक अलग राज्य बनना चाहिए और मेरठ इस नए प्रदेश की राजधानी बने। उन्होंने आगे कहा कि यहां की आबादी आठ करोड़ है और उच्च न्यायालय यहां से 750 किलोमीटर दूर हैं, ऐसे में यह मांग पूरी तरह जायज है। बालियान ने जाटों को राष्टवादी कौम बताते हुए कहा, कि इसका कोई तोड़ नहीं है, लेकिन टांग खींचने की प्रवर्ति के कारण राजनीतिक रूप से जाट कमजोर पड़ गया है। इसे दूर करना होगा। राजनीति में सभी को एक साथ लेकर चलने की जरूरत है, सबके बिना तो कोई गांव में प्रधान भी नहीं बन सकता।”
बालियान ने आगे कहा, ”ये कहना गलत है कि अदालत में सरकार की लाचार पैरवी से आरक्षण खत्म हुआ। सरकार ने पूरी मजबूती से पक्ष रखा। आगे जो भी आरक्षण की बात करेगा, मैं उसके पीछे रहूंगा।”
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि आरक्षण की मांग पूरा करने के लिए राजनेताओं का सहारा लेना होगा। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने कहा कि जाट समाज से देश को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने में योगदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि खेल जगत से लेकर कला, सामाजिक, सांस्कृतिक, इसरो के वैज्ञानिक से लेकर सेना में जाट समुदाय बड़ी संख्या में हैं। जाट युवा सीमा पर देश की सुरक्षा में खड़े हैं तो देश के अंदर बिजनेस से लेकर किसानी तक जाट युवा अपना सहयोग दे रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानिया ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में अमेरिका इंग्लैंड , आस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ़्रांस, अफ़्रीका सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश व पश्चिम बंगाल से जाट समाज के लोग पहुंचे।