न्यूज़ डेस्क
पहले शिवसेना और अब एनसीपी। दोनों पार्टी की टूट हुई। और फिर दोनों पार्टी को तोड़ने वाले के पास पूरी पार्टी चली गई। पूरी शिवसेना शिंदे के पास चली गई। और अब पूरी एनसीपी अजित पवार के साथ चली गई। केंद्र में बीजेपी की सत्ता है और केंद्र के साथ ही सभी एजेंसियां है। ऐसे में कोई भी निर्णय सरकार और बीजेपी के बिना संभव नहीं। महाराष्ट्र में जो भी हो रहा है वह सब केंद्र के इशारे पर हो रहा है। जैसे ही एनसीपी शरद पवार गट के पास गया है उद्धव शिवसेना के सनजय राउत ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है।
एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार को मिलने पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अजित को पार्टी मिलना मोदी की गारंटी है।राउत ने कहा, ‘आपके पास विधायक या संसद सदस्य हो सकते हैं। अगर ये विधायक और सांसद कल चुनाव हार जाते हैं, तो पार्टी का क्या होगा? पूरा फैसला गलत और पक्षपातपूर्ण है। लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वाला फैसला है।
‘उन्होंने आगे कहा कि शरद पवार अभी भी पार्टी के संस्थापक हैं। वह चुनाव आयोग के सामने बैठते थे। चुनाव आयोग जानता है कि वह संस्थापक हैं, फिर भी पार्टी अजित पवार को दी गई है, यह मोदी की गारंटी है।
गौरतलब है, छह महीने से अधिक समय तक चली 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा था कि मेरे नेतृत्व वाली एनसीपी को राज्य के अधिकांश विधायकों के साथ-साथ जिला अध्यक्षों का भी समर्थन प्राप्त है।
अजित पवार ने कहा था कि लोकतंत्र में बहुमत को ही प्राथमिकता दी जाती है। तकरीबन 50 विधायक हमारे साथ हैं। यहां तक की ज्यादातर जिला अध्यक्ष और पार्टी प्रकोष्ठों के प्रमुख भी हमारे साथ ही खड़े हैं। अजित पवार ने कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। शरद पवार द्वारा चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाले बयान पर अजित पवार ने कहा कि हर किसी को ऐसा करने का अधिकार है।